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1982 में जिस वक्त नीतीश कुमार सड़क की खाक छान रहे थे और मैं IAS था, आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री पर किया हमला, कहा-तीन बार बिहार की जनता के साथ गद्दारी की

By एस पी सिन्हा | Updated: September 12, 2022 14:31 IST

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि लोगों से उनकी हैसियत पूछने वाले नीतीश कुमार को ये पता होना चाहिए कि मेरी हैसियत और देश के एक नागरिक की हैसियत बराबर है।

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ठळक मुद्देबिहार के मुख्यमंत्री गद्दार हैं, उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि तीन बार बिहार की जनता के साथ गद्दारी की है।राजनीति में आने के पहले मैं एक आईएएस था और इसके लिए नीतीश कुमार ने पैरवी नहीं लगाईं थी।इंजीनियरिंग करने के बाद एक बार नेवी की परीक्षा दी थी, लेकिन उसमें भी वह फेल  हो गए थे।

पटनाः जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपने पुराने साथी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। नीतीश कुमार का नाम सुनते ही आरसीपी सिंह इतने भड़क गए कि उन्होंने मुख्यमंत्री की हैसियत तक बता दी। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री गद्दार हैं, उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि तीन बार बिहार की जनता के साथ गद्दारी की है।

सिंह ने कहा कि लोगों से उनकी हैसियत पूछने वाले नीतीश कुमार को ये पता होना चाहिए कि उनकी हैसियत, मेरी हैसियत और देश के एक नागरिक की हैसियत बराबर है। इस संविधान में सबको बराबर का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के पहले मैं एक आईएएस था और इसके लिए नीतीश कुमार ने पैरवी नहीं लगाईं थी।

सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार मेरी हैसियत की बात करते हैं कि तो मैं बता दूं कि 1982 में जिस वक्त वह सड़क की खाक छान रहे थे। उस समय मैं गांव में बैठकर यूपीएससी की परीक्षा पास कर चुका था। मैं आईएएस बना था। उन्होंने कभी ऐसी परीक्षा नहीं दी होगी। इंजीनियरिंग करने के बाद एक बार नेवी की परीक्षा दी थी, लेकिन उसमें भी वह फेल  हो गए थे।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को यह लगता है कि लालू यादव और अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर वे भाजपा को मात दे देंगे तो ये उनकी गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि इनके साथ कौन से जाति के लोग हैं? उन्होंने हर एक जाति के लोगों के साथ ठगी की है। आरसीपी ने कहा कि वह कहते हैं कि उन्होंने मुझे नेता बनाया है, लेकिन वह पैदाइशी नेता नहीं बने थे।

वह बताएं कि 1977 में उनकी क्या हैसियत थी? 1980 में चुनाव हार गए थे। वह कहते हैं कि वह जननेता हैं। लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश बात करते हैं कि मैंने उनके और जदयू के साथ गद्दारी की है। असली गद्दार कौन है? यह प्रदेश की जनता अच्छे से जानती है। आरसीपी ने कहा कि आज मैं भले ही जदयू में नहीं हूं।

लेकिन प्रखंड स्तर पर अब भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मेरे साथ खडे़ हैं। उन्हें पता है कि उनके साथ कौन खडा है? उन सभी से संपर्क करने की कोशिश में लगा हूं।  मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर तंज कसते हुए सिंह ने कहा कि पिछले दिनों नीतीश कुमार दिल्ली गए थे और वहां जगह-जगह घूम रहे थे।

उन्होंने शरद पवार के बारे में क्या-क्या नहीं कहा है? इन्होने किसी को सम्मान नहीं दिया है और अब इनके ऊपर किसी का भरोसा नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे जरुरी है संख्या बल, आपके पास सांसद कितने हैं, यह भी निर्भर करता है। अभी वह जिस पार्टी के साथ हैं, अगर उनके साथ चुनाव लड़ने जाते हैं, तो बिहार की 40 सीटों में से उनके हिस्से में कितनी सीटें आएंगी।

10-11 सीटें मिलेंगी, उनमें कितनी सीटें आएंगी, यह वक्त बताएगा। लेकिन कुछ सांसदों वाली पार्टी के नेता को कोई कैसे अपना प्रधानमंत्री चुन सकता है? जबकि दूसरे राज्यों में कई प्रादेशिक पार्टियां है, जिनका उन राज्यों में अपना जनाधार है, वह किसी दूसरी पार्टी के साथ अपना जनाधार क्यों बांटेंगी, यह समझा आसान है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने आज तक किसी को इज्जत नहीं दी है।

टॅग्स :नीतीश कुमारबिहारपटनालालू प्रसाद यादव
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