रायपुर:छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और इनकम टैक्स (आईटी) के छापेमारी पर रोष जाहिर करते हुए इसे केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है। केंद्रीय एजेंसी ईडी और आईटी द्वारा आज तड़के दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ और महासमुंद सहित कई अन्य जगहों पर मारी गई सघन छापेमारी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही केंद्रीय एजेंसियों को राज्य में सक्रिय कर रही है। यह केंद्र की साजिश है, राज्य को परेशान करने की व्यूह रचना है लेकिन राज्य सरकार को इस तरह के हथकंडे से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में पत्रकारों को बातचीत करते हुए कहा, "भाजपा सीधे लड़ नहीं पा रही है। इसलिए ईडी और आईटी के माध्यम से लड़ने की कोशिश कर रही है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि ये फिर आएंगे। ये आखिरी नहीं है। जैसे-जैसे चुनाव पास आएगा इनकी यात्राएं और बढ़ेगी। डराने धमकाने के अलावा कोई काम नहीं है।"
छत्तीसगढ़ में केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर जो अफसर रहे। उनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओएसडी सौम्या चौरसिया भी शामिल हैं, जिन पर दुर्ग में छापेमारी की गई। सौम्या चौरसिया के अलावा रायगढ़ में भी जिला कलेक्टर रानू साहू, महासमुंद में अग्नि चंद्राकर, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के अलावा माइनिंग हेड जेपी मौर्य के रायपुर स्थित आवास पर छापेमारी की गई।
वहीं इनके साथ रायगढ़ के रहने वाले नवनीत तिवारी, प्रिंस भाटिया, सीए सुनील अग्रवाल के भी ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हुई है। खबरों के मुताबिक कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया के आवास से ईडी को लगभग 200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला है।