BHU: चीफ प्राक्टर ने दर्ज कराई 12 छात्र-छात्राओं के खिलाफ हत्या के प्रयास का FIR, बीएचयू में फिर हड़कंप

By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 7, 2018 04:59 PM2018-05-07T16:59:04+5:302018-05-07T17:06:26+5:30

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में फिर से पुलिस-पीएसी के जवानों की तैनाती हुई है। कैंपस फिर से आशांत हो गया है।

BHU chief proctor protest in bhu | BHU: चीफ प्राक्टर ने दर्ज कराई 12 छात्र-छात्राओं के खिलाफ हत्या के प्रयास का FIR, बीएचयू में फिर हड़कंप

BHU: चीफ प्राक्टर ने दर्ज कराई 12 छात्र-छात्राओं के खिलाफ हत्या के प्रयास का FIR, बीएचयू में फिर हड़कंप

वाराणसी, 7 मईः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में फिर से पुलिस-पीएसी के जवानों की तैनाती हुई है। एसपी सिटी और एसीएम प्रथम ने विश्वविद्यालय का मौका-मुआयना किया है। इसके पीछे दो घटनाएं हैं। पहली घटना बीते गुरुवार को बीएचयू की चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोएया सिंह की ओर से 12 छात्र-छात्राओं पर हत्या के प्रयास का मुकदमा कराया जाना। और दूसरी घटना शनिवार की है। शनिवार सुबह 11:30 बजे एलबीएस हॉस्टल में रहने वाले बीए द्वितीय वर्ष के आशुतोष मौर्या सेमेस्टर परीक्षा देकर बाहर निकल रहे थे तभी  कुछ छात्रों ने उसके पेट और पीठ पर चाकू से हमला किया।

आशुतोष किसी तरह से वहां से जान बचाकर भागा। इसके बाद एलबीएस और बिरला हॉस्टल के दो गुट आमने-सामने हो गए इसके बाद बीएचयू कैंपस अशांत हो गया। आशुतोष ने बिरला हॉस्टल में रहने वाले नौ छात्रों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है। इन दोनों मामलों को लेकर बीएचयू के छात्र-छात्राएं एक बार फिर से आंदोलन के लिए उतरे हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि छात्राओं को आपस में लड़ाने के लिए पूरी रणनीति बनाई जा रही है।

उल्लेखनीय है कि बीते साल सितंबर में बीएचयू में बड़ा आंदोलन खड़ा किया गया था। हालांकि हाल के दिनों ऐसी कई रिपोर्ट टीवी के माध्यम से सामने आ रही हैं जिनमें यह दावा किया जा रहा है कि यह आंदोलन गलत उद्देश्यों से खड़ा किया गया था। असल में छात्रओं को बीएचयू में कोई परेशानी नहीं थी। (जरूर पढ़ेंः अलीगढ़ः AMU के संस्‍थापक सर सैयद अहमद खान की तस्वीर हटाई, लगाई पीएम मोदी की तस्वीर)

एक टीवी चैनल से बात करते हुए रोयना सिंह ने यहां तक कहा कि आंदोलन के दौरान ट्रकों में भरकर पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक की सप्लाई की गई थी। इससे आहत छात्र-छात्राएं चीफ प्रॉक्टर से उनके बयान के संबंधन में सबूत मांग रहे थे। इसके बाद से लगातार बीते दो-तीन म‌हीनों से परिसर में छोटे-बड़े प्रदर्शन होने लगे थे। इसमें दोनों ही पक्षों में तल्‍खी बढ़ी।

इसी बाबात चीफ प्रॉक्टर के ऑफिस के सामने कई छात्र-छात्राएं प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार शाम वे प्रॉक्टर से मिलना चाहते थे। लेकिन प्रॉक्टर उनसे मिलने नहीं आईं। इस पर वे प्राक्‍टर के ऑफ‌िस में दाखिल हो गए। इसके बाद प्रॉक्टर ने उन पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147, 148, 353, 332, 427, 504, 307 और 395 मुकदमा दर्ज कराया। (जरूर पढ़ेंः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) विवाद: 'भारतीय मुसलमानों का मोहम्मद अली जिन्ना से कोई रिश्ता नहीं')

वाराणसी के लंका थाने में विश्वविद्यालय के मृत्युंजय मौर्य, विकास सिंह, शिवांगी चौबे, मिथिलेश कुमार, गरिमा यादव, दीपक सिंह, रजत सिंह, अनूप कुमार, शाश्वत उपाध्याय, अपर्णा, पारुल शुक्ला और जय मौर्य के साथ-साथ अन्य अज्ञात व्यक्तियों का नाम था।

इसके बाद शुक्रवार को जगह-जगह प्रदर्शन हुए और शनिवार दोपहर हिन्दी विभाग के सामने एक छात्र पर चाकू से हमला हुआ। शनिवार रात तक दो हॉस्टलों के छात्र-छात्राएं एक दूसरे आमने-सामने हो गए। इस वक्त बीएचयू में फिर से माहौल खराब हो गया है।

Web Title: BHU chief proctor protest in bhu

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