महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में दंगा भड़काने के आरोपी मिलिंद एकबोटे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार (2 फरवरी) को जमानत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत को याचिका खारिज कर दिया। दंगा भड़काने का आरोप मिलिंद एकबोटे के अलावा संभा जी भिड़े पर भी है।
कोरेगांव की लड़ाई एक जनवरी 1818 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा साम्राज्य के पेशवा गुट के बीच हुई थी, जोकि कोरेगांव भीमा में लड़ी गई थी। भीमा कोरेगांव की लड़ाई एक जनवरी 1818 को पुणे स्थित कोरेगांव में भीमा नदी के पास उत्तर-पू्र्व में हुई थी। यह लड़ाई महार और पेशवा सैनिकों के बीच लड़ी गई थी। इस लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को पराजित किया था, इस जीत का जश्न दलित नेता मनाते हैं क्योंकि इतिहास के मुताबिक ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से महार समुदाय के सैनिकों ने युद्द लड़ा था।
इस लड़ाई की खास बात यह रही थी इसमें अंग्रेजों की तरफ 5०० सैनिक थे, जिनमें 450 महार सैनिक थे और पेशवा बाजीराव द्वितीय के 28,000 पेशवा सैनिक थे। लेकिन मात्र 500 सैनिकों ने पेशवा की शक्तिशाली 28 हजार मराठा फौज को हरा दिया था। अंग्रेजों ने इस लड़ाई में महार सैनिकों की वीरता और साहस के लिए सम्मानित किया था। उनके सम्मान में भीमा कोरेगांव में स्मारक भी बनवाया गया, जिस पर युद्ध में मारे गये महारों के नाम लिखे हैं।