नई दिल्ली, 29 अगस्त: पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री और लेखक ट्विंकल खन्ना ने देश में भीमा कोरेगाँव मामले में पाँच एक्टविस्टों की गिरफ्तारी से शुरू हुई बहस के बीच "आजादी" को लेकर एक ट्वीट किया है।
ट्विंकल ने भीमा कोरेगाँव का नाम लिए बिना लिखा है, "आजादी एक बार में नहीं छिन जाती, ये एक-एक कर खोती है, एक बार में एक की आजादी जाती है, एक एक्टविस्ट, एक वकील, एक लेखक की और आखिर में हम सबकी..."
महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार (28 अगस्त) को देश के छह शहरों में कम से कम 10 बुद्धिजीवियों के घरों में छापे मारे और लैपटॉप-फोन इत्यादित जब्त किए।
पुलिस ने छापे मारने के साथ ही गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, अरुण फेरिरिया, वर्नन गोनसॉल्विस और वरवर राव को गिरफ्तार किया था।
हालाँकि दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को ही गौतम नवलखा और सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए बुधवार को मामले की सुनवाई तक दोनों को नजरबंद रखने का आदेश दिया।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी पांच एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी पर छह सितम्बर तक के लिए रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को छह सितम्बर को मामले की अगली सुनवाई तक नजरबंद रखने का आदेश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार से पाँच सितम्बर तक इस मामले पर अपना पक्ष रखने को कहा है।
मतभेद है लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व
सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि मतभेद लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल है और इसे रोका गया तो लोकंतत्र टूट जाएगा।
इतिहासकार रोमिला थापर, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे, देवकी जैन और मजा दारूवाला ने भीमा-कोरेगांव मामले के सिलसिले में हुई इन गिरफ्तारियों के विरोध में सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवर राव समेत पाँच बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी पर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। पेश हुए वकील राजीव धवन ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि सभी एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी असंगत तरीके से हुई है। धवन ने इन गिरफ्तारियों को "गैर-कानूनी और मनमाना" बताया।