भारत रत्न विवाद: सावरकर की तारीफ करने पर फंसे अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने मांग ली सफाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 23, 2019 08:49 IST2019-10-23T08:49:52+5:302019-10-23T08:49:52+5:30
अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्विटर पर लिखा था, सावरकर ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई और देश के लिए जेल गए।

फाइल फोटो
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को विनायक दामोदर सावरकर की तारीफ करने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी झेलनी पड़ी है। सोमवार (21 अक्टूबर) को हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदान वाले दिन सिंघवी ने ट्वीट कर सावरकर की तारीफ की थी।
सिंघवी ने ट्विटर पर लिखा था, सावरकर ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई और देश के लिए जेल गए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह निजी तौर पर सावरकर की विचारधारा से सहमत नहीं हैं। मैं व्यक्तिगत तौर पर सावरकर की विचारधारा से सहमत नहीं हूं लेकिन इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि वह निपुण व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाई, दलित अधिकारों की लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल गए। यह कभी नहीं भूलना चाहिए।''
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भारतीय सोच की ताकत उसका समावेशी होना है। आजादी की लड़ाई के कई आयाम हैं। कोई सावरकर की कट्टरता और उनके राष्ट्रवाद के हिंसक तत्व तथा गांधी के खिलाफ उनके हमले से सहमत नहीं हो सकता, लेकिन यह स्वीकार करना होगा कि उनके इरादे राष्ट्रवादी थे।’’
इस ट्वीट को कांग्रेस पार्टी ने गंभीरता ले लिया और पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने सिंघवी को सफाई देने की हिदायत दी। इसके बाद सिंघवी ने मीडिया के सामने आकर अपने ट्वीट पर सफाई दी। सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेता ने सिंघवी को फोन कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर किया था।
बता दें कि सावरकर के संदर्भ में सिंघवी की इस टिप्पणी से कुछ दिनों पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि हम सावरकर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके पक्ष में वह (सावरकर) खड़े थे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सावरकर को भारत रत्न दिये जाने की मांग की है। इसके बाद से ही इस मसले पर सियासी घमासान छिड़ गया है। भाजपा का यह घोषणापत्र आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि अगर सावरकर को भारत रत्न देने पर विचार होता है तो फिर इस देश को भगवान ही बचाए।