Bharat Jodo Nyay Yatra: "मेघालय की सरकार यहां से नहीं, दिल्ली से चलती है", राहुल गांधी का मोदी और संगमा सरकार पर एक साथ हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 23, 2024 10:08 AM2024-01-23T10:08:41+5:302024-01-23T10:13:04+5:30
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान मोदी सरकार पर अपने बदस्तूर हमले को जारी रखते हुए कहा कि मेघालय का शासन राज्य से नहीं बल्कि दिल्ली से चलता है।
शिलांग: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बदस्तूर मोदी सरकार पर अपने हमले को जारी रखते हुए कहा कि मेघालय का शासन राज्य से नहीं बल्कि दिल्ली से चलता है। कांग्रेस पार्टी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा की अगुवाई करते हुए यह बात मेघालय के री भोई में आयोजित एक सभा में कही।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार राहुल गाधी ने असम की हिमंत बिस्वा सरकार द्वारा नागांव स्थित एक मंदिर में जाने की अनुमति नहीं मिलने के बाद सोमवार को मोरीगांव की ओर से मेघालय में दाखिल हुए।
यहां पर राहुल गांधी ने मेघालय की मौजूद सरकार को सबसे भ्रष्ट बताने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि गृहमंत्री शाह ने चुनाव में यह बयान देने के तुरंत बाद मेघालय में बनी मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के नेतृत्व में बनी उसी सरकार के साथ साझेदारी की, जिसे वो भ्रष्ट कह रहे थे।
री-भोई जिले की राजधानी नोंगपोह में मदन पहमसियेम मिनी स्टेडियम में आयोजित एक सभा में राहुल गांधी ने कहा, “मेघालय का शासन यहां से नहीं बल्कि दिल्ली से होता है। यह स्वीकार्य नही है। देश पिछले 40 वर्षों में सबसे ऊंचे स्तर की बेरोजगारी का सामना कर रहा है। गृह मंत्री ने मेघालय सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बताया था। इसके तुरंत बाद, उन्होंने उसी सरकार के साथ साझेदारी की।''
इसके साथ ही राहुल गांधी ने मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर तीखा हमला करते हुए कहा, “यह बहुत चिंता का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर संघर्ष पर चुप हैं, जहां सैकड़ों कीमती जान चली गईं और जातीय संघर्ष के कारण हजारों लोग विस्थापित हो गए। भाजपा इस मुद्दे को सुलझाने के प्रति गंभीर नहीं है।”
मालूम हो कि मणिपुर में कुकी और मेइतेई के बीच जातीय झड़पें पहली बार 3 मई को राज्य के आरक्षण मैट्रिक्स में अदालत द्वारा आदेशित बदलाव के विरोध के दौरान भड़क उठीं, जिसमें बाद वाले को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।