भारत बंद : किसानों ने पंजाब, हरियाणा में कई स्थानों पर राजमार्ग जाम किया, रेलवे लाइन पर बैठे
By भाषा | Published: September 27, 2021 02:59 PM2021-09-27T14:59:31+5:302021-09-27T14:59:31+5:30
(तस्वीर के साथ)
चंडीगढ़, 27 सितंबर केंद्र तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों के ‘‘भारत बंद’’ के आह्वान पर पंजाब, हरियाणा में किसानों ने राजमार्ग और सड़कें जाम कीं तथा कई जगह रेलवे पटरी पर बैठ गए, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।
पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कहा है कि वह तीन विवादित कानून के विरोध में किसान यूनियनों के ‘‘भारत बंद’’ के आह्वान पर उनके साथ दृढ़ता से खड़ी है। राज्य में लगभग पूर्ण बंद रहा और इस दौरान परिवहन सेवाएं निलंबित रहीं तथा अधिकतर जगह दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
प्रदर्शनकारियों ने अमृतसर, रूपनगर, जालंधर, पठानकोट, संगरूर, मोहाली, लुधियाना, फिरोजपुर, बठिंडा सहित कई जिलों में राजमार्गों को जाम किया।
पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी प्रदर्शनकारियों ने सिरसा, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, पानीपत, हिसार, चरखी दादरी, करनाल, कैथल, रोहतक, झज्जर और पंचकुला समेत कई जिलों में राजमार्गों को अवरुद्ध किया। दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर किसानों के रेल पटरियों पर बैठने की भी सूचना है।
फिरोजपुर की संभागीय रेलवे प्रबंधक सीमा शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया है जबकि कुछ के यात्रा के समय में परिवर्तन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों के रेलवे लाइन पर बैठने के मद्देनजर रेलवे अधिकारी जहां तक संभव हो रहा है, ट्रेनों को स्टेशन पर रोकने की कोशिश कर रहे हैं ताकि फंसे हुए यात्रियों को कुछ सुविधाएं मिल सकें।
दोनों राज्यों में कुरुक्षेत्र के निकट शाहबाद, सोनीपत, बहादुरगढ़, चरखी दादरी, जींद, अमृतसर, पटियाला, बरनाला और डेराबस्सी के पास लालरू सहित कई जगहों पर किसान रेलवे पटरियों पर बैठ गए। इस वजह से कई ट्रेनें रुकी रहीं।
फगवाड़ा स्टेशन अधीक्षक देविंदर सिंह ने कहा कि कोलकाता से आने वाली अमृतसर जाने वाली 03005 अप हावड़ा मेल को रेलवे अधिकारियों ने सुबह छह बजकर 35 मिनट पर रोका, जबकि जम्मू जाने वाली 08237 अप बेगमपुरा एक्सप्रेस को सुबह छह बजकर 46 मिनट पर फगवाड़ा में रोकना पड़ा। उन्होंने बताया कि बेगमपुरा एक्सप्रेस का फगवाड़ा में कोई निर्धारित पड़ाव नहीं था, लेकिन जालंधर के पास रेलवे लाइन बाधित होने के कारण इसे रोकना पड़ा।
अमृतसर-कटिहार एक्सप्रेस, सहरसा-अमृतसर एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस ट्रेनें अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर रुकी थीं, जबकि अंबाला-सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन जगाधरी रेलवे स्टेशन पर रुकी थी। करनाल रेलवे स्टेशन पर जम्मू जाने वाली स्वराज एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन पर तीन ट्रेनें रोकी गयीं।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र से ‘‘किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने’’ का आग्रह किया है। चन्नी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं किसानों के साथ खड़ा हूं और केंद्र सरकार से किसान विरोधी तीन कानूनों को निरस्त करने की अपील करता हूं। हमारे किसान एक साल से अधिक समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अब समय आ गया है कि उनकी आवाज सुनी जाए। मैं किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाने का अनुरोध करता हूं।’’
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) भारत बंद के लिए किसान यूनियन के साथ है। सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘पीपीसीसी 27 सितंबर 2021 को किसान यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर उनके साथ मजबूती से खड़ी है। सही और गलत की जंग में आप तटस्थ नहीं रह सकते। हम कांग्रेस के हर कार्यकर्ता से तीन असंवैधानिक काले कानूनों के खिलाफ अपनी पूरी ताकत से लड़ने का आग्रह करते हैं।’’
हरियाणा में विरोध कर रहे किसानों ने चरखी दादरी में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जबकि कुरुक्षेत्र में भी कई सड़कों को बाधित किया गया। हरियाणा पुलिस ने रविवार को जारी एक परामर्श में कहा था कि बंद के कारण लोगों को राज्य की विभिन्न सड़कों और राजमार्गों पर यातायात व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है।
हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि बंद के मद्देनजर राज्य सरकार के निर्देशानुसार नागरिक प्रशासन और पुलिस ने व्यापक बंदोबस्त किए हैं। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे 40 से अधिक किसान यूनियनों की संस्था संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पहले लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की थी।
एसकेएम ने राजनीतिक दलों से भी ‘‘लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों की रक्षा के लिए किसानों के साथ खड़े होने’’ की अपील की। एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक संघर्ष के 10 महीने पूरे होने पर एसकेएम ने किसान विरोधी केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार (27 सितंबर) को भारत बंद का आह्वान किया है।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘एसकेएम प्रत्येक भारतीय से इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल होने और भारत बंद को सफल बनाने की अपील करता है। विशेष रूप से हम श्रमिकों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं के सभी संगठनों और सामाजिक आंदोलन से जुड़े सभी लोगों से अपील करते हैं कि वे भारत बंद के दिन किसानों के प्रति एकजुटता दिखाएं।’’
सैकड़ों किसानों ने अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। उन्होंने अंबाला के पास शंभू सीमा तक जाने वाली सड़कों पर अवरोधक लगा दिए और बीच सड़क पर बैठ गए। दिल्ली की ओर जाने वाले यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर बदला गया। राजमार्ग के दोनों ओर बड़ी संख्या में ट्रक व अन्य वाहन फंसे हुए थे।
अंबाला शहर की नई अनाज मंडी में बड़ी संख्या में किसान जमा हो गए। उन्होंने दुकानदारों से अपनी दुकानें बंद रखने का अनुरोध करने के लिए शहर के विभिन्न बाजारों की ओर मार्च किया। अंबाला जिले की अधिकांश अनाज मंडी, थोक कपड़ा बाजार, सराफा बाजार, शैक्षणिक संस्थान और कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
करनाल और कुरुक्षेत्र सहित हरियाणा के कुछ अन्य स्थानों पर भी दुकानें बंद रहीं। अमृतसर में बड़ी संख्या में किसानों ने पवित्र शहर के प्रवेश द्वार गोल्डन गेट के पास विरोध प्रदर्शन किया।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्र को बिना किसी देरी के ‘‘काले कृषि कानूनों’’ को निरस्त करना चाहिए।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे 40 से अधिक किसान यूनियनों की संस्था संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पहले लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील की थी।
एसकेएम ने कहा कि बंद सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक होगा, इस दौरान पूरे देश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम बंद रहेंगे। बहरहाल बंद से अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं एवं निजी आपात स्थितियों से संबद्ध लोगों को छूट दी जाएगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।