रविवार शाम नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में भड़की हिंसा के विरोध में बेंगलुरु के विभिन्न कॉलेजों के छात्र और शिक्षक शहर के टाउन हॉल में एकत्रित हो गए। जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए छात्रों ने गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। विरोध के दौरान 'आप जितना ज्यादा हमला करते हैं, हम उतने ही मजबूत होते जाते हैं', 'अपने मुखौटों को हटाओ आतंकवादी' के नारे लगाए।
प्रदर्शनकारी निशा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "हम यहां अपने भाइयों और बहनों के साथ जेएनयू में हुई घटना का विरोध करने के लिए एकत्रित हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने जो किया वह शर्मनाक है और उन्हें स्थिति से बहुत पहले ही संभल जाना चाहिए। तीन घंटे तक घटना घटित होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। हम जेएनयू के साथ खड़े हैं।"
विरोध प्रदर्शन में उपस्थित प्रोफेसरों ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों पर हमला देश की एक बीमार स्थिति को दर्शाता है। विरोध प्रदर्शन में उपस्थित प्रोफेसर संगीता ने कहा, वर्तमान समय में विश्वविद्यालयों में हो रही हिंसा दर्शाती है कि यह बीमार है। मैं तब सुरक्षित थी जब मैं कॉलेज में पढ़ रही थी। हम अपने छात्रों को जो दे रहे हैं वह भयानक है।"
राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए एक राजनेता ने जेएनयू में हुए छात्रों पर हमले की निंदा की और दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
एक नकाबपोश भीड़ द्वारा जेएनयू परिसर में घुसने के बाद 18 से अधिक छात्रों को एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया जिसके बाद उन पर और कुछ प्रोफेसरों पर लाठी और डंडों से हमला किया गया।