बेंगलुरु पुलिस आयुक्त निर्भया येाजना से संबंधित निविदा में ‘अवैध हस्तक्षेप’ की जांच करेंगे

By भाषा | Updated: December 26, 2020 00:55 IST2020-12-26T00:55:34+5:302020-12-26T00:55:34+5:30

Bengaluru Police Commissioner to investigate 'illegal interference' in tender related to Nirbhaya Yajna | बेंगलुरु पुलिस आयुक्त निर्भया येाजना से संबंधित निविदा में ‘अवैध हस्तक्षेप’ की जांच करेंगे

बेंगलुरु पुलिस आयुक्त निर्भया येाजना से संबंधित निविदा में ‘अवैध हस्तक्षेप’ की जांच करेंगे

बेंगलुरु, 25 दिसंबर कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त को 619 करोड़ रूपये की निर्भया येाजना से संबंधित निविदा प्रक्रिया में कथित अनुचित अवैध हस्तक्षेप की जांच करने का निर्देश दिया है।

निर्भया योजना के तहत बेंगलुरु में 619 करोड़ रूपये की सुरक्षित शहर परियोजना से जुड़ी गोपनीय सूचना हासिल करने के लिए किसी व्यक्ति द्वारा खुद को कर्नाटक सरकार में गृह सचिव बताकर उसकी निविदा प्रक्रिया में कथित रूप से अवैध हस्तक्षेप किया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

यहां शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक सरकार ने पुलिस आयुक्त को 24 दिसंबर को मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

बेंगलुरु के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रशासन) हेमंत निम्बालकर ने मुख्य सचिव टी एम विजय भास्कर को पत्र लिखकर उनसे इस मामले की जांच कराने का अनुरोध किया था।

निम्बालकर ने कहा, ‘‘ मैंने (मुख्य सचिव से) इस बात की जांच कराने का अनुरोध किया है कि ऐसा (गृह सचिव होने का नाटक) किसने किया। अपने पत्र में मैंने किसी का नाम नहीं लिया है।’’

भास्कर को सात दिसंबर को भेजे पत्र में निम्बालकर ने कहा था कि बेंगलुरु सुरक्षित शहर परियोजना का डिजाइन तैयार करने और उसे लागू करने एवं उसका रखरखाव करने के लिए सेवा प्रदाता के चयन के लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) प्रक्रियाधीन था।

उन्होंने लिखा कि उनकी दो दिसंबर को इस परियोजना के प्रबंधन सलाहकार अक्षय सिंघल के साथ बैठक हुई थी।

सिंघल ने नौ नवंबर को बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत के साथ हुए ई-मेल संवाद के बारे में जानना चाहा और उससे जुड़े घटनाक्रम के बारे में पूछा।

निम्बालकर ने कहा, ‘‘ संलग्न ई-मेल संवाद अपने आप ही इस बात की व्याख्या करता है कि कर्नाटक का गृह सचिव बनकर किसी व्यक्ति ने बिना किसी वैध अधिकार एवं क्षेत्राधिकार के गलत फायदे के लिए निविदा प्रकाशित होने से पहले ही करीब 619 करोड़ रूपये की सुरक्षित शहर परियोजना के आरपीएफ के बारे में गोपनीय सूचना हासिल करने का प्रयास किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह कर्नाटक सरकार द्वारा शुरू की गयी निविदा प्रक्रिया में किसी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध दखल के समान भी है। ’’

उन्होंने कहा कि ईमेल में संलग्न आरएफपी तैयार हो रहा था और उसे सात नवंबर ,2020 को प्रकाशित नहीं किया गया था।

निम्बालकर ने मुख्य सचिव से इस प्रकरण की जांच कराने और कानून सम्मत जरूरी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

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Web Title: Bengaluru Police Commissioner to investigate 'illegal interference' in tender related to Nirbhaya Yajna

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