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CAA Protest: बंगाल BJP प्रमुख का विवादित बयान, कहा- युवा महिलाएं ड्रग्स लेकर लगा रही हैं भड़काऊ नारे

By रामदीप मिश्रा | Updated: March 9, 2020 09:29 IST

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को लेकर दिलीप ने घोष कहा कि कुछ दिनों के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और महिलाओं को आगे की पंक्ति में बैठाकर भड़काऊ नारे लगवाए जा रहे हैं।

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ठळक मुद्देदिलीप घोष ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाओं का एक वर्ग टैगोर के गीतों के साथ छेड़छाड़ कर अश्लील वीडियो बनाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि महिलाओं का एक वर्ग नशा कर सड़कों पर भड़काऊ नारे लगाने जैसे अशोभनीय कार्य करता है।

पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को अजीबो-गरीब बयान दिया है, जिस पर विवाद खड़ा हो सकता है। दरअसल, दिलीप घोष ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाओं का एक वर्ग टैगोर के गीतों के साथ छेड़छाड़ कर अश्लील वीडियो बनाने और नशा कर सड़कों पर भड़काऊ नारे लगाने जैसे अशोभनीय कार्य करता है।     दिलीप घोष कोलकाता के गोल्फ ग्रीन क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ चाय पर चर्चा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह गहरी चिंता का विषय है कि कैसे कुछ युवा महिलाएं स्वाभिमान, सम्मान, संस्कृति, लोकाचार से अनजान बन रही हैं। वीडियो पर अश्लील हरकतें कर रहे हैं। मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा हूं लेकिन यह समाज का पतन है। 

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और महिलाओं को आगे की पंक्ति में बैठाकर भड़काऊ नारे लगवाए जा रहे हैं। हमें आत्मचिंतन करना चाहिए कि समाज कहां जा रहा है। बीजेपी नेता ने कहा कि ये महिलाएं 'सड़कों पर हिंसा का शिकार' हो सकती हैं, अगर वे इस तरह का व्यवहार करती रहीं। 

यह कोई पहला मौका नहीं है जब दिलीप घोष ने विवादित टिप्पणी है। अभी हाल ही में उन्होंने कहा था कि दिल्ली के शाहीन बाग में और कोलकाता के पार्क सर्कस में 'अशिक्षित महिला एवं पुरुष' प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें विदेशी फंड से खरीदी गई बिरयानी परोसी जाती है और पैसे दिये जाते हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि चाहे वह दिल्ली का शाहीन बाग हो या कोलकाता का पार्क सर्कस, हर जगह एक ही स्थिति है। बृंदा करात एवं पी चिदंबरम जैसे लोग इस भीड़ में शामिल होते हैं। कुछ अशिक्षित महिलाएं अपने गोद में बच्चों को लेकर बैठी हैं। वे लोग केवल उनके श्रोता हैं।

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