बीसीआई ने उप्र में वकील की पिटायी की निंदा की, सीजेआई से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का किया आग्रह

By भाषा | Updated: December 26, 2020 22:03 IST2020-12-26T22:03:21+5:302020-12-26T22:03:21+5:30

BCI condemns the plea of lawyer in UP, urges CJI to take action against the culprits | बीसीआई ने उप्र में वकील की पिटायी की निंदा की, सीजेआई से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का किया आग्रह

बीसीआई ने उप्र में वकील की पिटायी की निंदा की, सीजेआई से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का किया आग्रह

नयी दिल्ली, 26 दिसम्बर देश के शीर्ष बार निकाय ‘बार काउंसिल आफ इंडिया’ (बीसीआई) ने उस घटना की शनिवार को निंदा की, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्मियों ने एटा में एक वकील की उसके घर से बाहर निकाल कर कथित तौर पर पिटायी की। बीसीआई ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।

बीसीआई ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने ‘‘अत्याचार की सभी सीमाएं’’ पार कर दी हैं और यह किसी भी अपराधी द्वारा किये गए अपराध से बदतर है।

कथित घटना का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें पुलिस कर्मी एक मकान का दरवाजा तोड़कर और वकील की ड्रेस पहने एक व्यक्ति को बाहर खींचकर एवं उसकी पिटायी करते नजर आ रहे हैं।

बीसीआई ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश पुलिस ने अत्याचार की सभी हदें पार कर दी हैं और इसी तरह की घटनाएं पश्चिम बंगाल, बिहार और देश के अन्य हिस्सों में देखी गईं थीं।’’

बीसीआई ने कहा, "पुलिस की ऐसी कार्रवाई किसी भी अपराधी द्वारा किए गए अपराध से भी बदतर है।’’

उसने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की पुलिस का कृत्य चौंकाने वाला है। कानून और व्यवस्था के रक्षकों से इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती।’’

उसने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘क्रूरता स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि एटा के पुलिस कर्मी कुछ गुप्त मकसद के साथ योजना के साथ कार्य कर रहे थे।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘काउंसिल, भारत के प्रधान न्यायाधीश और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को दोषी पुलिस कर्मियों का पता लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने और उत्तर प्रदेश सरकार को उन्हें तत्काल निलंबित करने, उन्हें स्थानांतरित करने और सेवा से हटाने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध करने का संकल्प लेती है। ’’

उसने कहा कि ऐसी घटनाओं को अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और अगर न्यायपालिका और सरकार वकीलों, या आम आदमी पर भी इस तरह के अत्याचारों की अनदेखी करती है, ‘‘तो बार के पास सड़कों पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।’’

बीसीआई ने कहा कि उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले में उचित कार्रवाई करने और वकीलों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उपयुक्त कानून बनाने का अनुरोध करने का भी संकल्प लिया है।

उसने कहा, ‘‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने संकल्प लिया है और कहा है कि पूरी कानूनी बिरादरी इस मुद्दे पर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के वकीलों के समर्थन में है।’’

बीसीआई ने कहा, ‘‘काउंसिल आगे की कार्रवाई पर निर्णय करने के लिए 3-4 दिनों के भीतर वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी स्टेट बार काउंसिल के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त बैठक बुलाने जा रही है।’’

उसने कहा कि संयुक्त बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों की ‘‘निष्क्रियता’’ पर भी विचार किया जाएगा, जो महामारी के कठिन समय के दौरान वकीलों को कोई वित्तीय सहायता प्रदान करने में विफल रही हैं।

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Web Title: BCI condemns the plea of lawyer in UP, urges CJI to take action against the culprits

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