रिपोर्ट में दावा- बीजेपी अब भी है ब्राह्मण-बनिया पार्टी, राष्ट्रीय पदाधिकारियों में 76% 'ऊँची जाति' के
By पल्लवी कुमारी | Published: August 2, 2018 07:31 AM2018-08-02T07:31:19+5:302018-08-02T07:48:20+5:30
रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी के भी 60 फीसदी पदों पर भी ऊंची जाति के लोगों ही हैं। सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश अध्यक्षों के 65 फीसदी पदों पर भी सामान्य वर्ग यानी उच्च जाति और ज्यादातर ब्राह्मण लोग बैठे हैं
नई दिल्ली, 02 अगस्त: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शीर्ष पदाधिकारियों में सवर्णो का दबदबा है। एक रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की तीन-चौथाई पदों पर ऊंची जातियों (ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ इत्यादि) का बोलबाला है। द प्रिंट की रिपोर्ट के अऩुसार बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों में 76 प्रतिशत सामान्य वर्ग के, आठ प्रतिशत ओबीसी और छह प्रतिशत अनुसूचित जाति के हैं। दि प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी के भी 60 फीसदी पदों पर भी ऊंची जाति के लोगों ही हैं।
सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश अध्यक्षों के 65 फीसदी पदों पर भी सामान्य वर्ग यानी उच्च जाति और ज्यादातर ब्राह्मण लोग बैठे हैं। यहां तक कि बीजेपी के सबसे निचले स्तर के संगठन जिला अध्यक्षों के पद पर भी 65 फीसदी लोग भी ब्राह्मण है और उच्च जाति से संबंध रखते हैं। द प्रिंट ने अपनी रिपोर्ट में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश अध्यक्षों और जिलाध्यक्षों के जातियों का अध्ययन किया है।
सर्वे में ‘दि प्रिंट’ने बीजेपी के 50 राष्ट्रीय पदाधिकारियों, 97 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों, 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 36 अध्यक्षों समेत 24 राज्यों के कुल 752 जिला अध्यक्षों की जातीय स्थिति का आंकड़ा निकाला है। इसमें यह साफ कहा है कि 36 प्रदेश अध्यक्षों में एक भी दलित नहीं है। इनमें से सात ब्राह्मण, 17 अगड़ी जाति के लोग, छह आदिवासी, पांच ओबीसी और एक मुस्लिम है। इस सर्वे के मुताबिक कुल 66 प्रतिशत फीसदी पदों पर उच्च जाति के लोग विराजमान है।
रिपोर्ट छापी गई है, जिसमें यह दावा किया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में ओबीसी और पिछड़े वर्ग को कम महत्व दिया जा रहा है। दि प्रिंट की रिपोर्ट में बीजेपी में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर देशव्यापी सर्वे किया है।
इस सर्वे के रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी भी पार्टी के अहम पदों पर ऊंची जाति और ब्राह्मणों ने ने कब्जा किया हुआ है। बीजेपी में जातीय संरचना के गहन अध्ययन के बाद बताया गया है कि पार्टी के पदाधिकारियों की तीन-चौथाई पदों पर ऊंची जाति का बोलबाला है।
द प्रिंट ने पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों समेत उन तीन राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश और छ्त्तीसगढ़) के बीजेपी पदाधिकारियों में विभिन्न जातियों के प्रतिनिधित्व का अध्ययन किया है जिनमें इस साल विधान सभा चुनाव होने हैं।
द प्रिंट की रिपोर्ट पर उसे प्रतिक्रिया देते हुए बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि बीजेपी में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व है। नित्यानंद राय ने कहा कि बीजेपी की संरचना में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम में भी जातीय विविधता दिखती है। नित्यानंद राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी में हर वर्ग के काम करने वाले को उचित महत्व दिया जाता है।
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