बिहार में नेपाल-बांग्लादेश सीमा के जरिए अवैध तरीके से प्रवेश करते हैं बांग्लादेशी, गृह विभाग ने कई जिलों से मांगी रिपोर्ट 

By एस पी सिन्हा | Updated: May 5, 2025 16:48 IST2025-05-05T16:48:30+5:302025-05-05T16:48:39+5:30

सरकार को मिली जानकारी के अनुसार बिहार के मुस्लिम बहुल जिलों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रह रहे हैं। ये लोग यहां के मुस्लिम परिवार में निकाह कर चुके हैं। सर्वाधिक घुसपैठ पूर्वी जिलों में होने की आशंका जताई गई है। 

Bangladeshis enter Bihar illegally through Nepal-Bangladesh border, Home Department has sought report from many districts | बिहार में नेपाल-बांग्लादेश सीमा के जरिए अवैध तरीके से प्रवेश करते हैं बांग्लादेशी, गृह विभाग ने कई जिलों से मांगी रिपोर्ट 

बिहार में नेपाल-बांग्लादेश सीमा के जरिए अवैध तरीके से प्रवेश करते हैं बांग्लादेशी, गृह विभाग ने कई जिलों से मांगी रिपोर्ट 

पटना: बिहार में आए दिन बांग्लादेश के नागरिकों के अवैध तरीके से घुसने की खबरें आती रहती हैं। सीमांचल क्षेत्र में बिहार में नेपाल-बांग्लादेश सीमा के जरिए भी बांग्लादेशी घुसपैठ करते हैं। ऐसे में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर बिहार सरकार की नजर है। विशेष शाखा की सूचना के बाद गृह विभाग ने कई जिलों से बांग्लादेशियों की संख्या को लेकर रिपोर्ट तलब की है। विशेष शाखा की ओर से सरकार को मिली जानकारी के अनुसार बिहार के मुस्लिम बहुल जिलों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रह रहे हैं। ये लोग यहां के मुस्लिम परिवार में निकाह कर चुके हैं। सर्वाधिक घुसपैठ पूर्वी जिलों में होने की आशंका जताई गई है। 

बताया जाता है कि अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार को हाई रिस्क जोन माना गया है। लगभग हर सप्ताह एक-दो घुसपैठियों पर सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान द्वारा पकड़ा जाता है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक घुसपैठ को लेकर यह इलाका हर किसी के नजर पर रहता है। सीमावर्ती क्षेत्र से घुसपैठ पर रोक और तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कई खुफिया एजेंसी भी सतर्कता बरतती है। 

इसके बावजूद इस सीमावर्ती क्षेत्र में रह रहे लोग घुसपैठियों के मददगार के रूप में काम कर रहे हैं। खासकर बांग्लादेश से घुसे घुसपैठियों की पैसों के बदले मदद की जाती है। मददगार के रूप में सक्रिय ऐसे लोगों से संपर्क कर घुसपैठिए रुपये की लालच देकर अपनी मंशा पूरी कर निश्चित ठिकाने तक पहुंचते हैं। हाल के दिनों में ऐसे घुसपैठिए और मददगार बीएसएफ द्वारा लगातार पकड़े भी जा रहे हैं। सीमा क्षेत्र में रह रहे ऐसे लोग घुसपैठियों एवं तस्करों की मदद से कमाई भी करते हैं। 

इस संबंध में बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि सीमा पर चौकसी बरती जाती है। किसी तरह सीमा में प्रवेश करने वाले लोगों को स्थानीय दलाल सहयोग करते हैं। राष्ट्रविरोधी काम करने वाले ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है। इसमें सीमावर्ती क्षेत्र के गांव के आलावा आसपास के लोग होते हैं, ऐसे लोगों की निगरानी की जाती है। इस बीच बांग्लादेश में सत्ता पलट के बाद भारी संख्या में अप्रवासियों के बंगाल से सटे बिहार-झारखंड क्षेत्र में आने की बात कही जा रही है। 

दरअसल, भागलपुर मालदा-जमालपुर रेलखंड पर है। मालदा में कलियाचक से बांग्लादेश का बॉर्डर नजदीक है। इसलिए मालदा से ट्रेन पकड़कर कटिहार के बारसोई होते हुए कई जिलों तक घुसपैठियों के पहुंचने की सूचना है। बांग्लादेशियों के पनाह लेने की बात सेंट्रल आईबी की रिपोर्ट में भी आई है। 

वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर एडीजी(मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने कहा कि बिहार में कितने बांग्लादेशी हैं, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। इसका कारण है कि सीमा से अवैध तरीके से बांग्लादेशियों का प्रवेश होता है। कुछ को बीएसएफ धर दबोचती है, लेकिन कुछ गुपचुप तरीके से प्रवेश कर जाते हैं। यहां आने के बाद स्थानीय लोगों के मदद से पहचान पत्र बनवा लेते हैं। अब इसकी जांच कराई जा रही है कि बिहार में कितने बांग्लादेशी आए हुए हैं। 

इसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। जबकि इस मुद्दे पर राज्य के पथ निर्माण एवं विधि मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार में रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान होगी। सरकार की योजनाओं और संसाधनों पर पहला हक बिहारियों का है। बाहर से आए लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार किसी घुसपैठिये को बिहार में पनाह नहीं लेने देगी। नितिन नवीन ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा हो रहा है। इसके बाद भी विपक्ष को दर्द नहीं हो रहा है। बांग्लादेशी पर कार्रवाई होती है, तो विपक्ष को दर्द होने लगता है।

Web Title: Bangladeshis enter Bihar illegally through Nepal-Bangladesh border, Home Department has sought report from many districts

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