नए संसद में 'अखंड भारत' के नक्शे पर नेपाल और पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश में नाराजगी, मांगा स्पष्टीकरण, जानिए पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: June 7, 2023 02:20 PM2023-06-07T14:20:30+5:302023-06-07T14:24:54+5:30
भारत ने नये संसद भवन में एक भित्तिचित्र को लेकर बांग्लादेश में विवाद सामने आया है। इसके बाद बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री शहरयार आलम ने कहा है कि उन्होंने दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायोग से भारतीय विदेश मंत्रालय से बात करने को कहा है।

नए संसद में 'अखंड भारत' के नक्शे पर पड़ोसी देशों में विवाद
नई दिल्ली: भारत ने नये संसद भवन में एक भित्तिचित्र को लेकर आपत्ति उठाने वाले देशों में बांग्लादेश भी शामिल हो गया है। बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री शहरयार आलम ने कहा है कि उन्होंने इस संबंध में नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायोग से भारतीय विदेश मंत्रालय से बात करने और आधिकारिक स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए हैं।
दूसरी ओर भारत इस मुद्दे को ज्यादा तरजीह नहीं देना चाहता है और इस संबंध में पिछले हफ्ते भारती विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में भित्तिचित्र को एक ऐसी कृति बताया जो प्रागैतिहासिक अशोक साम्राज्य के प्रसार को चित्रित करती है।
बांग्लादेश ने भारत के संसद में लगी फोटो पर क्या कहा?
बांग्लादेशी मीडिया की खबरों के मुताबिक सोमवार को ढाका में विदेश मंत्रालय में मीडिया से बातचीत के दौरान आलम ने कहा कि भित्तिचित्र का 'राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है' और इस बारे में भ्रमित होने का कोई कारण नहीं है।' आलम ने कहा कि नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग को 'आधिकारिक स्पष्टीकरण' प्राप्त करने के लिए विदेश मंत्रालय से बात करने के लिए कहा गया है।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार आलम ने कहा, 'इसके बारे में संदेह व्यक्त करने का कोई कारण नहीं है। हालांकि, आगे स्पष्टीकरण के लिए हमने दिल्ली में मिशन को भारतीय विदेश मंत्रालय से बात करने के लिए कहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका आधिकारिक स्पष्टीकरण क्या है।'
बांग्लादेश के 'द बिजनेस स्टैंडर्ड' के अनुसार आलम ने कहा कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भित्तिचित्र को 'अशोक के साम्राज्य के मानचित्र के रूप में वर्णित किया था और यह ईसा के जन्म से तीन सौ साल पहले का था।' उन्होंने कहा कि यह 'उस समय मौजूद क्षेत्र का नक्शा' था और भित्तिचित्र लोगों की यात्रा को दर्शाता है। वहीं, बांग्लादेश के सियासी दलों ने भित्तिचित्र लगाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
नेपाल और पाकिस्तान जता चुके हैं नाराजगी
भारत के नए संसद में इस भित्तिचित्र पर हाल में नेपाल में विवाद नजर आया था। नेपाल में कुछ नेताओं ने भित्तिचित्र पर कड़ा ऐतराज जताया था और कुछ ने तो अपने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड से भारत के साथ इस मुद्दे को उठाने को कहा था। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने पिछले हफ्ते कहा था कि नये संसद भवन में ‘अखंड भारत’ के भित्तिचित्र में उसके निकट पड़ोस में प्राचीन भारत के प्रभाव को दर्शाने से अनावश्यक कूटनीतिक विवाद पैदा हो सकते हैं।
गौरतलब है कि नये संसद भवन में लगाये गये भित्तिचित्र में भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण साम्राज्यों और शहरों को अंकित किया गया है और इसमें तत्कालीन तक्षशिला (इस समय के पाकिस्तान में) में प्राचीन भारत के प्रभाव को दर्शाया गया है। इसमें लुंबिनि, कपितवस्तु (अब नेपाल में) आदि ऐतिहासिक स्थलों को भारत में दिखाया गया है।
हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि उक्त भित्तिचित्र अशोक साम्राज्य के प्रसार को और जिम्मेदार तथा जन-हितैषी शासन के उस विचार को रेखांकित करता है जिसे उन्होंने (सम्राट अशोक ने) अपनाया था और प्रसारित किया था।
उन्होंने कहा, ‘यही बात भित्तिचित्र के सामने लगी पट्टिका में लिखी है। मुझे इस बारे में वाकई और कुछ नहीं कहना। मैं उन बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करुंगा जो अन्य नेताओं ने दिये हो सकते हैं।’ दरअसल, भित्तिचित्र को कुछ भाजपा नेताओं द्वारा 'अखंड भारत' के रूप में संदर्भित किया गया था जिसमें कई पड़ोसी देशों के हिस्से शामिल हैं। ऐसी टिप्पणी के बाद ही नेपाल और पाकिस्तान के कुछ नेताओं ने नाराजगी जताई थी।