लाइव न्यूज़ :

Bandhavgarh Tiger Reserve: चार हाथियों की मौत, 5 की हालत खराब, जांच में जुटी चिकित्सा विशेषज्ञ सहित एसटीएसएफ की टीम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 30, 2024 13:39 IST

Bandhavgarh Tiger Reserve: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने परिक्षेत्र पतौर एवं खितौली कोर के सलखनिया बीट के RF 384 में 2 और PF 183 में क्रमशः 2 जंगली हाथी कुल 4 जंगली हाथियों को मृत पाया।

Open in App
ठळक मुद्दे5 और जंगली हाथी अस्वस्थ हालत में जमीन पर पड़े हुए पाए गए।5 जंगली हाथियों का स्वास्थ्य खराब हैं।4 जंगली हाथी  स्वस्थ पाए गए।

उमरियाः विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र पतौर एवं खितौली कोर के जंगल मे चार जंगली हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने का मामला सामने आया है इसके साथ ही 5 जंगली हाथियों का स्वास्थ्य खराब है। मामले की सूचना के बाद पार्क प्रबंधन के साथ वन्य जीव चिकित्सा विशेषज्ञों  की टीम मौके पर पहुंची है और मामले की जांच में जुटी है। तड़प रहे हाथियो का इलाज जारी है,डिप्टी डायरेक्टर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रकाश कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि 29 अक्टूबर को दोपहर में करीब 2 बजे के आसपास नियमित गश्त के दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने परिक्षेत्र पतौर एवं खितौली कोर के सलखनिया बीट के RF 384 में 2 और PF 183 में क्रमशः 2 जंगली हाथी कुल 4 जंगली हाथियों को मृत पाया।

इस घटना की सूचना देने के बाद, टीमों के साथ आसपास के क्षेत्र की तलाशी ली गई और 5 और जंगली हाथी अस्वस्थ हालत में जमीन पर पड़े हुए पाए गए। इस झुंड में 13 हाथी पाए गए, जिनमें से 4 की मृत्यु हो गई जिनमें एक नर एवं 3 मादा है वहीं 5 जंगली हाथियों का स्वास्थ्य खराब हैं इसके साथ 4 जंगली हाथी  स्वस्थ पाए गए।

सभी संभावनाओं की तलाश में पूरे इलाके की तलाशी ली जा रही है। हाथी विशेषज्ञ पुष्पेंद्र नाथ द्विवेदी जो कि तक़रीबन 5 वर्ष 2018 से हाथी - मानव द्वन्द मे कार्य कर रहे थे उनके अनुसार हाथी कोदो खाने से तो नहीं मर सकते लेकिन फसल मे अधिक मात्रा मे कीटनाशक  डाला गया होगा तो घातक है, बांधवगढ़ के वन्यजीव स्वास्थ्य अधिकारियों और वन्यजीव चिकित्सा संस्थान और स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर की मेडिकल टीम जंगली हाथियों का उचित तरीकों से इलाज कर रही है। आगे की जांच के लिए एक एसटीएसएफ जबलपुर और भोपाल की टीम भी मौके पर पहुंच रही है।

इसके साथ ही पार्क प्रबंधन और पशु चिकित्सक, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञों से भी नियमित मार्गदर्शन ले रहे हैं। वर्तमान में मुख्य ध्यान अस्वस्थ हाथियों के इलाज और उन्हें खतरे से उबारने पर है। हाथियो की मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम और गहन जांच और इलाके की कॉम्बिंग के बाद मौत का वास्तविक कारण पता चल चलेगा।

टॅग्स :Madhya Pradeshelephant
Open in App

संबंधित खबरें

भारतफिर खुलेगी आईएएस संतोष वर्मा की फाइल, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच को दी मंजूरी

भारतमुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक, अफसरों को अधिकाधिक अस्पतालों और डॉक्टर्स को आयुष्मान योजना से जोड़ने के निर्देश

भारतमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्री-परिषद की बैठक से पहले किया संबोधित, मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ थाने को देश के श्रेष्ठ थानों की रैंकिंग में 9वां स्थान प्राप्त होने पर दी बधाई

भारतमध्यप्रदेश: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने संबोधन में क्या-क्या बोले? ये रहे उनके भाषण के अहम बिंदु

भारतसीएम डॉ. मोहन यादव ने अपने सुपुत्र का पाणिग्रहण संस्कार सामूहिक विवाह समारोह में कर मिसाल प्रस्तुत की, स्वामी रामदेव ने मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न कराया 21 जोड़ों का विवाह संस्कार

भारत अधिक खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें