कश्मीर के परंपरागत पोशाक 'फिरन' पर लगा प्रतिबंध, गुस्से में लोग
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: March 24, 2021 17:36 IST2021-03-24T17:36:41+5:302021-03-24T17:36:41+5:30
ताजा घटनाक्रम में कल जब श्रीनगर के एसकेआईसीसी में एक आयोजन के दौरान फिरन पहने लोगों को भीतर नहीं जाने दिया जो जम कर हंगामा हुआ था।

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
जम्मू, 24 मार्च। इस महीने के शुरू में एक फिरन पहने आतंकी द्वारा दो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद चर्चा में आया कश्मीरियों का लिबास ‘फिरन’ कश्मीर में सार्वजनिक समारोहों व बाजार में प्रतिबंधित किया जा चुका है। इस मौखिक प्रतिबंध के खिलाफ कश्मीरियों में जबरदस्त रोष भी है।
परसों बादामबारी में भी फिरन पहने लोगों को प्रवेश नहीं दिया गया था। जानकारी के लिए फिरन एक गर्म कपड़े का लबादा कह लिजिए या फिर चौगाा कहें, सर्दियों में कश्मीरियों को गर्माहट देता है जिसे स्वेटर के स्थान पर सबसे ऊपर पहना जाता है। यह बात अलग है कि इसका इस्तेमाल आतंकियों द्वारा कश्मीर में आतंकवाद की शुरूआत से ही हथियारों को छुपाने और ग्रेनेड हमलों के दौरान किया जाता रहा है।
पर यह पहली बार है कि सरकारी तौर पर फिरन के खिलाफ कोई मुहिम छेड़ी गई हो। इस माह के शुरू में जब एक आतंकी ने दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी तो फिरन की शामत आ गई थी क्योंकि हमलावर आतंकी अपनी एके-47 को इसी फिरन में छुपा कर बाजार पहुंचा था।
इस घटना के बाद तो फिरन पहन घूमने वाले कश्मीरियों के लिए तो जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। राह चलते कश्मीरियों से फिरन को पुलिसवालों ने जबरदस्ती खुलवाया था। जहां तक कि नागरिक सचिवालय में भी फिरन पहले कर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
यह घटनाएं रूकी नहीं है। पिछले एक माह से फिरन सुरक्षाबलों के निशाने पर ही है। वह फिरन जो बालीबुड की फिल्मों में भी हमेशा छाया रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फिरन को कई बार पहन कर अपनी तस्वीरें सांझा की थीं। फिलहाल गुस्साए हुए कश्मीरियों के पास भयानक सर्दी से बचाव को फिरन का कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है।