प्रयागराज, 29 जुलाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अदालती आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए अवमानना के एक मामले में इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) के कार्यकारी निदेशक/ राज्य प्रमुख (यूपीएसओ-1) डॉ उत्तीय भट्टाचार्य के खिलाफ बुधवार को जमानती वारंट जारी किया और नौ अगस्त, 2021 को उन्हें अदालत में हाजिर होने को कहा।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने झांसी स्थित इंडियन ऑयल के डीलर मेसर्स हाजी संस द्वारा दायर अवमानना के आवेदन पर पारित किया।
अवमानना की याचिका में आरोप लगाया गया है कि इंडियन ऑयल की डीलरशिप रद्द करने के संबंध में याचिकाकर्ता के मामले पर निर्णय करने के 27 जनवरी, 2021 के अदालत के आदेश के बावजूद कोई आदेश पारित नहीं किया गया है।
इस मामले में याचिकाकर्ता की डीलरशिप 26 दिसंबर, 2019 को इस आधार पर रद्द कर दी गई थी कि निरीक्षण के समय पेट्रोल पंप की एक मशीन में एक इलेक्ट्रानिक चिप लगी पाई गई जिसका उपयोग घटतौली के लिए किया जाता है।
डीलरशिप रद्द करने के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी गई कि याचिकाकर्ता की आपत्तियों पर विचार किए बगैर यह आदेश पारित किया गया। उच्च न्यायालय ने 27 जनवरी, 2021 को रद्दीकरण का आदेश खारिज कर दिया था और इस पर नए सिरे से विचार करने को कहा था जिसका अनुपालन नहीं किया गया।
वहीं, इंडियन ऑयल ने एक बयान जारी कर कहा कि कानूनी परामर्श के आधार पर डीलरशिप रद्द करने के आदेश के खिलाफ एक पुनरीक्षण याचिका दायर की गई थी जोकि सुनवाई के लिए लंबित है। इस बीच, डीलर द्वारा मौजूदा कार्यकारी निदेशक के खिलाफ अवमानना की अर्जी दाखिल कर दी गई।
कंपनी ने बयान में कहा कि इस मामले में अब आगे की कार्रवाई कानूनी सलाह पर की जाएगी। हालांकि, कंपनी यह स्पष्ट करती है कि माननीय उच्च न्यायालय और इस देश की न्याय व्यवस्था में उसकी और उसके अधिकारियों की पूरी आस्था और सम्मान है।
जमानती वारंट जारी करते हुए अदालत ने कहा कि अवमानना की कार्यवाही में नोटिस जारी होने के बावजूद ना ही आदेश का अनुपालन किया गया और ना कोई हलफनामा दाखिल किया गया। अदालत ने इस वारंट को लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के जरिए भेजने का निर्देश दिया और नौ अगस्त, 2021 को अगली सुनवाई करने का निर्देश दिया।
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