Badlapur Sexual Case: अगर स्कूल सुरक्षित जगह नहीं हैं तो बच्चे क्या करें? तीन, चार साल के मासूम ने क्या किया?, बंबई उच्च न्यायालय की पुलिस और सरकार पर सख्त टिप्पणी 

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 22, 2024 17:34 IST2024-08-22T17:34:02+5:302024-08-22T17:34:52+5:30

Badlapur Sexual Case: बंबई उच्च न्यायालय ने ठाणे जिले के एक स्कूल के शौचालय में पुरुष सहायक द्वारा 12 और 13 अगस्त को चार साल की दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले का स्वतः संज्ञान लिया है।

Badlapur Sexual Case What should children do schools not safe places What three, four year old innocent Bombay High Court's strong comment police and government | Badlapur Sexual Case: अगर स्कूल सुरक्षित जगह नहीं हैं तो बच्चे क्या करें? तीन, चार साल के मासूम ने क्या किया?, बंबई उच्च न्यायालय की पुलिस और सरकार पर सख्त टिप्पणी 

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Highlightsअदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के लिए पुलिस की भी आलोचना की।स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। आक्रोश के बिना राज्य सक्रिय नहीं होगा।

Badlapur Sexual Case: बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बदलापुर कस्बे के एक स्कूल में दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न की घटना को ‘‘स्तब्धकारी’’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि लड़कियों की रक्षा और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि घटना की जानकारी होने के बावजूद मामला दर्ज न करने के लिए स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के लिए पुलिस की भी आलोचना की।

बंबई उच्च न्यायालय ने ठाणे जिले के एक स्कूल के शौचालय में पुरुष सहायक द्वारा 12 और 13 अगस्त को चार साल की दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, इस मामले में प्राथमिकी 16 अगस्त को दर्ज की गई और आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया।

पीठ ने कहा कि जब तक जनता ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन नहीं किया और आक्रोश नहीं दिखाया तब तक पुलिस तंत्र आगे नहीं बढ़ा। अदालत ने प्रश्न किया, ‘‘जब तक जनता जबरदस्त आक्रोश नहीं दिखाए तब तक क्या तंत्र सक्रिय नहीं होगा। या जनता के इस प्रकार के आक्रोश के बिना राज्य सक्रिय नहीं होगा।’’

पीठ ने कहा कि वह यह जानकार स्तब्ध है कि पुलिस ने मामले की ठीक से जांच नहीं की। अदालत ने सवाल किया, ‘‘जहां तीन से चार साल की छोटी बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया गया हो, वैसे गंभीर मामले को पुलिस इतने हल्के में कैसे ले सकती है।’’ अदालत ने कहा, ‘‘अगर स्कूल सुरक्षित जगह नहीं हैं तो बच्चे क्या करें? तीन, चार साल के बच्चे ने क्या किया? यह बिल्कुल स्तब्धकारी (घटना) है।’’

पीठ ने कहा कि बदलापुर पुलिस ने मामले में जैसा रुख दिखाया उससे वह जरा भी ‘खुश’ नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘हम केवल यह देखना चाहते हैं कि पीड़ित बच्चियों को न्याय मिले और पुलिस को भी इतने में ही दिलचस्पी होनी चाहिए।’’ पीठ ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पीड़ितों और उनके परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाए।

पीठ ने कहा कि पीड़ितों को और अधिक परेशान नहीं किया जाना चाहिए। उसने अपनी टिप्णी में यह भी कहा कि, ‘‘इस मामले में बच्चियों ने शिकायत कर दी, लेकिन ऐसे कितने मामले होंगे, जिनके बारे में कुछ भी पता नहीं।’’ पीठ ने कहा, ‘‘पहली बात यह है कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी। (लेकिन) स्कूल प्रसाशन चुप्पी साधे रहा।

इससे लोग आगे आने से हतोत्साहित होते हैं।’’ पीठ ने मामले की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को 27 अगस्त तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें बताया जाए कि लड़कियों और उनके परिवारों के बयान दर्ज करने के लिए उसने क्या कदम उठाए। अदालत ने कहा कि रिपोर्ट में यह भी बताना होगा कि बदलापुर पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने और दूसरी पीड़िता का बयान दर्ज करने में देरी क्यों हुई। अदालत ने कहा, ‘‘हम इस बात से स्तब्ध हैं कि बदलापुर पुलिस ने आज तक दूसरी बच्ची का बयान लेने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।’’

अदालत ने कहा कि अगर उसे पता चला कि मामले को दबाने की कोशिश की गई है तो वह संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘हमें यह भी बताएं कि लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है। इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।’’

पीठ ने कहा कि स्कूल अधिकारियों को घटना के बारे में पता था, लेकिन वे चुप रहे और पुलिस को सूचित नहीं किया। इस पर महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत को आश्वासन दिया कि संबंधित स्कूल प्राधिकारियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को ही कार्रवाई की जाएगी। सराफ ने पीठ को बताया कि एक बच्ची का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कर लिया गया है तथा दूसरी पीड़ित बच्ची का बयान बृहस्पतिवार को दर्ज किया जाएगा।

Web Title: Badlapur Sexual Case What should children do schools not safe places What three, four year old innocent Bombay High Court's strong comment police and government

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