बाबुल सुप्रियो ने एक और फेसबुक पोस्ट लिखी, कहा-कुणाल और दिलीप घोष के बयान से नहीं जूझना पड़ेगा, एनर्जी की बचत होगी
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 1, 2021 10:57 AM2021-08-01T10:57:52+5:302021-08-01T10:58:53+5:30
आसनसोल से दो बार के सांसद सुप्रियो उन कई मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें सात जुलाई को एक बड़े फेरबदल के तहत केंद्रीय मंत्रिपरिषद् से हटा दिया गया था।
कोलकाताः केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल में मंत्री पद से हटाये जाने के कुछ दिनों बाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को कहा कि उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला किया है और वह एक सांसद के रूप में इस्तीफा दे देंगे।
इस बीच बाबुल सुप्रियो ने एक और फेसबुक पोस्ट किया। इक कदम को लेकर जुबानी जंग जारी है। बाबुल ने सोशल मीडिया के जरिए संन्यास का ऐलान किया था। पोस्ट में लिखा कि टीएमसी के कुणाल घोष और भाजपा के दिलीप घोष की आलोचना का सामना करना पड़ा।
गायक से नेता बने अभिनेता ने कहा कि आप सभी चीजों को अपने नजरिए से देख रहे हैं। कुछ लोगों ने अपनी संस्कृति के अनुसार भाषा का प्रयोग किया है। मैं यह सब अपने स्ट्राइड में लेता हूं। मैं आपके सवालों का जवाब उस काम के जरिए दे सकता हूं जिसके लिए मुझे सांसद होने की जरूरत नहीं है। मुझे कुछ समय दो और मैं गीत गाना शुरू कर दूंगा। अब मेरे पास पर्याप्त समय है। कम से कम मुझे इस तरह की अभद्र टिप्पणियों से नहीं जूझना पड़ेगा और सकारात्मक ऊर्जा की बचत होगी।
पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोग हैं जो आते हैं और जाते हैं। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्होंने पार्टी से या एक सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया है। मैं फेसबुक या ट्विटर पोस्ट को नहीं देखता, इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता।’’
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने सभी को साथ लेने में विफल रहने के लिए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई पर निशाना साधा और सुप्रियो के सोशल मीडिया पोस्ट को ‘‘नाटक’’ करार दिया। तृणमूल कांग्रेस की राज्य इकाई के महासचिव कुणाल घोष ने कहा, ‘‘बाबुल सुप्रियो नाटक कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मंत्रालय से हटा दिया गया है। अगर वह इस्तीफा देने के इच्छुक थे, तो उन्हें अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष को भेज देना चाहिए था। इसके बजाय, वह उन चालों में शामिल हैं। लेकिन, यह घटना भाजपा में आंतरिक कलह को भी सामने लाई है।’’
सुप्रियो (50) जिन्होंने 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में कई विभागों को संभाला था, को इस महीने की शुरुआत में एक बड़े मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान हटा दिया गया था। सुप्रियो ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘जा रहा हूं अलविदा। अपने माता-पिता, पत्नी, दोस्तों से बात की और उनकी सलाह सुनने के बाद मैं कह रहा हूं कि मैं जा रहा हूं। मैं किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं - तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, माकपा, कहीं नहीं। मैं पुष्टि कर रहा हूं कि किसी ने मुझे फोन नहीं किया है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूं! हमेशा एक टीम मोहन बागान का समर्थन किया है - केवल एक पार्टी के साथ रहा हूं - भाजपा पश्चिम बंगाल। बस !! जा रहा हूं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैं बहुत लंबे समय तक रहा हूं ... मैंने किसी की मदद की है, किसी को निराश किया है, यह लोगों को तय करना है। सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए, आप किसी भी राजनीति में शामिल हुए भी बिना ऐसा कर सकते हैं। हां, मैं सांसद के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’’