बाबरी मस्जिद विध्वंसः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना रशीद बोले- फैसले को चुनौती देने पर निर्णय लेंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 30, 2020 14:05 IST2020-09-30T14:05:56+5:302020-09-30T14:05:56+5:30

रशीद ने कहा, ''विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के बारे में हमें कुछ नहीं कहना है। यह सभी लोग जानते हैं कि छह दिसम्बर 1992 को किस तरीके से अयोध्या में सरेआम बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया और कानून की धज्जियां उड़ायी गयीं।''

Babri Masjid demolition Maulana Rashid senior member of All India Muslim Personal Law Board will take decision on challenging the verdict | बाबरी मस्जिद विध्वंसः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना रशीद बोले- फैसले को चुनौती देने पर निर्णय लेंगे

अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

Highlightsअब मुस्लिम संगठन मिल—बैठकर तय करेंगे कि इसके खिलाफ आगे अपील करनी है या नहीं।मुसलमानों को गलत तरीके से उनकी मस्जिद से वंचित किया गया। बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक गैरकानूनी कृत्य था।कोई मुजरिम है या नहीं, यह तो अदालतों को ही तय करना होता है।

लखनऊः देश में मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के बुधवार के फैसले पर टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि अब मुस्लिम संगठन मिल—बैठकर तय करेंगे कि इसके खिलाफ आगे अपील करनी है या नहीं।

रशीद ने कहा, ''विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के बारे में हमें कुछ नहीं कहना है। यह सभी लोग जानते हैं कि छह दिसम्बर 1992 को किस तरीके से अयोध्या में सरेआम बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया और कानून की धज्जियां उड़ायी गयीं।''

उन्होंने कहा, ''उच्चतम न्यायालय ने भी रामजन्मभूमि—बाबरी मस्जिद वाद में पिछले साल नौ नवम्बर को सुनाये गये फैसले में कहा था कि मुसलमानों को गलत तरीके से उनकी मस्जिद से वंचित किया गया। बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक गैरकानूनी कृत्य था।''

रशीद ने कहा, ''कोई मुजरिम है या नहीं, यह तो अदालतों को ही तय करना होता है। अब मुस्लिम संगठन मिल—बैठकर तय करेंगे कि आगे अपील करनी है या नहीं। अपील करने का कोई फायदा होगा भी या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।''

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के तमाम मुसलमान हमेशा से अदालतों के फैसलों का सम्मान करते आये हैं और हमेशा करते रहेंगे। गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं थे। 

Web Title: Babri Masjid demolition Maulana Rashid senior member of All India Muslim Personal Law Board will take decision on challenging the verdict

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