बाबरी मामला: आडवाणी ने दर्ज कराया बयान, साजिश में शामिल होने से किया इनकार

By भाषा | Updated: July 25, 2020 05:10 IST2020-07-25T05:10:09+5:302020-07-25T05:10:09+5:30

बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में इस समय आरोपियों के बयान दर्ज किये जा रहे हैं। सभी 32 आरोपियों के बयान सीआरपीसी की धारा-313 के तहत दर्ज हो रहे हैं।

Babri case: Advani lodged statement, denied involvement in conspiracy | बाबरी मामला: आडवाणी ने दर्ज कराया बयान, साजिश में शामिल होने से किया इनकार

भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी (फाइल फोटो)

Highlightsअयोध्या में मस्जिद छह दिसंबर, 1992 को कारसेवकों ने ढहायी थी।कारसेवकों का दावा था कि जिस जगह मस्जिद थी, वहां राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था। भाजपा नेता उमा भारती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह इस मामले में अपने बयान दर्ज करा चुके हैं।

लखनऊ: भाजपा के वयोवृद्ध नेता पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले की सुनवायी कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में शुक्रवार को अपना बयान दर्ज कराया। आडवाणी ने विवादित ढांचा गिराये जाने की साजिश में शामिल होने से इंकार किया है।

विशेष न्यायाधीश के समक्ष आडवाणी ने अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के लिए 'कारसेवकों' के साथ कथित साजिश में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि राजनीतिक वजहों से उन्हें बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में अनावश्यक रूप से घसीटा जा रहा है।

खुद के निर्दोष होने का दावा करते हुए उन्होंने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश से कहा कि जांच राजनीतिक दबाव में हुई थी और आरोपपत्र मनगढंत साक्ष्यों के आधार पर दाखिल किया गया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस के यादव की अदालत में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सीआरपीसी की धारा—313 के तहत आडवाणी ने बयान दर्ज कराया। इस मामले में 92 वर्षीय आडवाणी 32 आरोपियों में से एक हैं।

वीडियो कांफ्रेंस के दौरान उनके वकील महिपाल अहलूवालिया मौजूद थे। सीबीआई की ओर से वकील ललित सिंह, पी चक्रवर्ती और आर के यादव मौजूद थे। आडवाणी का बयान पूर्वाह्र करीब 11 बजे दर्ज होना प्रारम्भ हुआ। इस दौरान न्यायाधीश ने उनसे 1050 सवाल किये। अन्य अभियुक्तों की तरह उनसे भी वही सवाल किये गये कि उनके खिलाफ मुकदमा क्यों चला। आडवाणी ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के कारण झूठा मुकदमा चलाया गया। सीबीआई की विवेचना पर उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण विवेचना राजनीतिक दुराग्रह से प्रेरित होकर की गयी।

गलत एवं झूठे साक्ष्य संकलित कर गलत रूप से उन्हें आरोपित किया गया। गौरतलब है कि सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आडवाणी को भी आरेापित किया था किन्तु इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें और कुछ अन्य को क्लीन चिट दे दी थी।

बाद में हालांकि सीबीआई की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने 2017 में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह एवं उमा भारती सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ ढांचा ढहाये जाने के षडयंत्र में शामिल होने के आरोपों पर सीबीआई की विशेष अदालत में मामला चलाने का आदेश दे दिया था।

विशेष न्यायाधीश ने आडवाणी को घटना से संबधित वीडियो क्लिपिंग एवं अखबारों की खबरों का हवाला देकर पूछा कि उनका क्या कहना है तो आडवाणी ने कहा कि सब गलत है और झूठे साक्ष्य गढ़े गये हैं। जब न्यायाधीश ने आडवाणी को बताया कि एक अंग्रेजी अखबार में 24 अक्टूबर 1990 को छपा था कि उन्हें एक दिन पहले समस्तीपुर से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद विश्व हिन्दू परिषद और कुछ अन्य संगठनों ने भारत बंद का आह्वान कर दिया था और शिवसेना नेता बालासाहेब ठाकरे ने बयान दिया था कि भारत बंद शान्तिपूर्ण होगा।

फिर भी कुछ कार सेवक विवादित ढांचे पर चढ़ गये और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया तथा 10 अक्टूबर 1990 को उस दौरान कुछ कारसेवक पुलिस की गोलीबारी में मारे गये। इस बारे में उनका क्या कहना है तो आडवाणी ने कहा कि गिरफ्तारी वाले तथ्य को छोड़कर शेष तथ्य राजनीति से प्रेरित हैं।

आडवाणी का बयान दर्ज होने के बाद विशेष अदालत ने अपने कार्यालय से कहा कि इस बयान की एक प्रतिलिपि सीबीआई के दिल्ली कार्यालय भेज दी जाये ताकि वह इस पर आडवाणी के हस्ताक्षर करवाकर वापस इस अदालत में भेज दे। भाजपा के ही वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बृहस्पतिवार को अपना बयान अदालत में दर्ज कराया था।

बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में इस समय आरोपियों के बयान दर्ज किये जा रहे हैं । सभी 32 आरोपियों के बयान सीआरपीसी की धारा—313 के तहत दर्ज हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में मस्जिद छह दिसंबर, 1992 को कारसेवकों ने ढहायी थी। उनका दावा था कि जिस जगह मस्जिद थी, वहां राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था।

भाजपा नेता उमा भारती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह इस मामले में अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। अदालत मामले की रोजाना सुनवायी कर रही है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप उसे 31 अगस्त तक मामले की सुनवायी पूरी कर लेनी है।

आडवाणी का बयान ऐसे समय में अदालत में दर्ज हुआ है, जब आगामी पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा आडवाणी समेत अनेक वरिष्ठ नेताओं को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। मंदिर निर्माण का कार्य भूमि पूजन समारोह के बाद शुरू होगा। उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने इस बीच बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अयोध्या जायेंगे। 

Web Title: Babri case: Advani lodged statement, denied involvement in conspiracy

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