साहित्य अकादमी आजादी के 75वीं वर्षगाँठ पर करेगा भव्य आयोजन, 75 आदिवासी लेखकों समेत सवा सौ रचनाकार लेंगे हिस्सा

By अरविंद कुमार | Published: August 7, 2021 07:52 PM2021-08-07T19:52:22+5:302021-08-07T19:55:14+5:30

भारतीय भाषाओं और आदिवासी भाषाओं के लगभग 125 साहित्यकार भाग लेंगे। इस सीरीज में पहला आयोजन  8-9 अगस्त को  मुंबई में  एशियाटिक सोसाइटी के दरबार हॉल में किया जाएगा।

azadi amrit mahotsav festival begin 75th anniversary 125 writers will participate many programs of Sahitya Akademi | साहित्य अकादमी आजादी के 75वीं वर्षगाँठ पर करेगा भव्य आयोजन, 75 आदिवासी लेखकों समेत सवा सौ रचनाकार लेंगे हिस्सा

75 भारतीय आदिवासी भाषाओं के 75 कवि अपनी कविताएँ पढ़ेंगे। 

Highlightsसाहित्यकार और विद्वान उनकी भाषाओं में भारत छोड़ो आंदोलन के प्रभाव और योगदान पर चर्चा करेंगे।सम्मेलन का बीज वक्तव्य प्रख्यात गुजराती साहित्यकार सीतांशु यशश्चंद्र देंगे।अध्यक्षता प्रख्यात मराठी साहित्यकार एवं विद्वान विश्वास पाटिल करेंगे।

नई दिल्लीः 75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश भर में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव पर साहित्य अकादमी ने भी कई कार्यक्रमों के आयोजनों की योजना बनाई है।

इनमें विभिन्न भारतीय भाषाओं और आदिवासी भाषाओं के लगभग 125 साहित्यकार भाग लेंगे। इस सीरीज में पहला आयोजन  8-9 अगस्त को  मुंबई में  एशियाटिक सोसाइटी के दरबार हॉल में किया जाएगा।   "साहित्य और भारत छोड़ो आंदोलन " शीर्षक से आयोजित इस दो दिवसीय सम्मिलन में पूर्वोत्तर भारत की कई भाषाओं सहित हिंदी, पंजाबी, सिंधी, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ आदि भाषाओं के साहित्यकार और विद्वान उनकी भाषाओं में भारत छोड़ो आंदोलन के प्रभाव और योगदान पर चर्चा करेंगे।

छह सत्रों में आयोजित इस सम्मिलन  में गद्य/ पद्य पाठ के अतिरिक्त कई विशेष  सत्र जैसे- आदिवासी, दलित तथा भारत छोड़ो आंदोलन, पत्रकारिता तथा  भारत छोड़ो आंदोलन और पूर्वोत्तर भारत का भारत छोड़ो आंदोलन में योगदान भी रखे गए हैं। सम्मेलन का बीज वक्तव्य प्रख्यात गुजराती साहित्यकार सीतांशु यशश्चंद्र देंगे और  अध्यक्षता प्रख्यात मराठी साहित्यकार एवं विद्वान विश्वास पाटिल करेंगे।

इसके विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता अनिल कुमार बर, भालचंद्र मुणगेकर, बलदेव भाई शर्मा, सदानंद मोरे और हरिदास गौर  करेंगे। साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि अकादेमी "भारत @75: आदिवासी कविता की तलाश " शीर्षक से एक  कवि सम्मेलन का आयोजन "अंतरराष्ट्रीय विश्व आदिवासी दिवस" के अवसर पर 9 से 11 अगस्त के बीच ​​ कर रही है, जहाँ 75 भारतीय आदिवासी भाषाओं के 75 कवि अपनी कविताएँ पढ़ेंगे। 

उन्होंने बताया कियूट्यूब चैनल के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित किए जाने वाले अपनी तरह के इस  पहले कार्यक्रम  में असुरी, टोडा, टोटो, मिजो, गोंडी, गारो, पाइते, मोग, बिरिजिया, आइमोल, भीली, खासी, लद्दाखी, बोडो, संताली, कार्बी, कबुई, साओरा, असुरी, चकमा, माओ, कुई, ज़ेमे और लिम्बु आदि  जनजातीय भाषाओं के कवि  भाग लेंगे।

कार्यक्रम का उद्घाटन प्रतिष्ठि कवि चंद्रकांता मुरासिंह द्वारा किया जाएगा, जिसमें बंजारा भाषा के प्रख्यात विद्वान आर रमेश आर्य सम्मानित अतिथि के रूप में होंगे। कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र सहित आठ सत्र होंगे और सत्रों की अध्यक्षता चंद्रशेखर कंबार , भगवान दास पटेल, डुविटु कोले, आददंड सी. करियप्पा, मदन मोहन सोरेन, फेमलिन. के. मरक और के.वासमल्ली  जैसे प्रख्यात लेखक करेंगे।

इसी कड़ी में 15 अगस्त को  अकादेमी के दिल्ली कार्यालय  में "स्वाधीनता संग्राम में लेखक" विषयक संगोष्ठी का आयोजन  अपराहन 2:00 बजे से किया गया है। संगोष्ठी  की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार करेंगे और इसमें विभिन्न भारतीय भाषाओं के 22 साहित्यकार अपने विचार व्यक्त करेंगे।

भाग लेने वाले कुछ  प्रमुख नाम हैं - अग्नि शेखर, बलवंत जानी, चंद्रभान ख्याल, दिनकर कुमार, हरिराम मीणा, राधावल्लभ त्रिपाठी राम बहादुर राय,  तरुण विजय, सूर्य प्रसाद दीक्षित एवं  विश्वनाथ प्रसाद तिवारी आदि। कार्यक्रम का समापन वक्तव्य साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक देंगे।

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