लाइव न्यूज़ :

Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तानी मीडिया का क्या है रिएक्शन, जानें

By विनीत कुमार | Updated: November 9, 2019 15:37 IST

अयोध्या मामले पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इसे खबर को प्रमुखता दी गई। पाकिस्तान के लगभग सभी अखबारों ने अपने ऑनलाइट संस्करण में इस फैसले पर अपनी रिपोर्ट छापी है। 

Open in App
ठळक मुद्देअयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की चर्चा पाकिस्तानी मीडिया में भी रहीपाकिस्तान के दि डॉन, ब्यून डॉट कॉम डॉट सहित कई ऑनलाइन संस्करणों में इस खबर को दी गई प्रमुखता

अयोध्या के बेहद पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान की मीडिया में भी काफी कुछ छप रहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुये केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाये। 

पाकिस्तान के लगभग सभी अखबारों ने अपने ऑनलाइट संस्करण में इस फैसले पर अपनी रिपोर्ट छापी है। पाकिस्तान के मशहूर अंग्रेजी अखबार ने 'द डॉन' ने लिखा है- 'भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मंदिर अयोध्या के विवादित जमीन पर बनेगा, मस्जिद के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाएगी'।

वहीं, पाकिस्तान की ट्रिब्यून डॉट कॉम डॉट पीके ने लिखा, 'भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्दिज जमीन को हिंदुओं को दिया।'

वहीं, नेशन डॉट कॉम डॉट पीके ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री एफएम कुरैशी के बयान को प्रमुखता दी है। अखबार के अमुसार एमएम कुरैशी ने कहा- 'बाबरी मस्जिद फैसला मुस्लिम समाज पर और दबाव डालेगा।' अखबार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया है और लिखा है- 'भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं को अयोध्या दिया, मुस्लिम के लिए वैकल्पिक जमीन।'

वहीं, पाकिस्तानी टीवी चैनल ने भी अपनी वेबसाइट पर एजेंसी के हवाले से खबर चलाई- 'भारत की सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद की जमीन हिंदुओं को दी।'

पाकिस्तान के डेली टाइम्स ने हालांकि खबर लिखे जाने तक अपनी वेबसाइट पर अयोध्या मसले को जगह नहीं दी थी। वहीं, द न्यूज ने लिखा- 'भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं के पक्ष में फैसला दिया।'

बताते चलें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि मस्जिद का निर्माण ‘प्रमुख स्थल’ पर किया जाना चाहिए और सरकार को उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करना चाहिए जिसके प्रति अधिकांश हिन्दुओं का मानना है कि भगवान राम का जन्म वहीं पर हुआ था।

टॅग्स :अयोध्या फ़ैसलाराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामलाबाबरी मस्जिद विवादअयोध्या विवादसुप्रीम कोर्टपाकिस्तान
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

विश्व'इमरान खान ज़िंदा और ठीक हैं': पाकिस्तान के पूर्व पीएम की बहन ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मिलने के बाद दिया बयान | VIDEO

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत