Ayodhya Verdict: जबलपुर में 81 वर्षीया महिला 27 साल बाद अन्न ग्रहण करेंगी, वह केवल दूध और फलाहार के सहारे थीं
By भाषा | Published: November 10, 2019 08:12 PM2019-11-10T20:12:55+5:302019-11-10T20:12:55+5:30
विवेक ने कहा, ‘‘मेरी मां भगवान राम की अनन्य भक्त हैं और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए समाधान का इंतजार कर रही थीं। वह अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 की घटना के बाद शुरू हुई हिंसा को लेकर काफी परेशान थीं।’’
अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद जबलपुर शहर की 81 वर्षीया महिला 27 साल बाद अन्न ग्रहण करेंगी। इन वर्षों में वह केवल दूध और फलाहार के सहारे थीं।
राम जन्मभूमि विवाद का समाधान होने तक महिला ने अन्न ग्रहण नहीं करने का संकल्प लिया था। महिला के परिवार के एक सदस्य ने कहा कि अयोध्या मामले पर शनिवार को शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है।
अब, उनका उपवास तोड़ने के लिये जल्द ही एक उद्यापन (व्रत आदि की समाप्ति पर किया जानेवाला धार्मिक कर्म) किया जायेगा। उपवास कर रही महिला उर्मिला चतुर्वेदी के बेटे विवेक चतुर्वेदी ने रविवार को ‘पीटीआई भाषा’ से दावा किया, ‘‘मेरी मां पिछले 27 साल से फलाहार और दूध के आहार पर थीं। अयोध्या मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को सुनकर वह बहुत खुश हैं।’’
विवेक ने कहा, ‘‘मेरी मां भगवान राम की अनन्य भक्त हैं और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए समाधान का इंतजार कर रही थीं। वह अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 की घटना के बाद शुरू हुई हिंसा को लेकर काफी परेशान थीं।’’
विवेक ने कहा कि इसके बाद मां ने संकल्प लिया था कि जब तक राम मंदिर निर्माण के लिए विवाद का समाधान नहीं हो जाता तब तक वह आंशिक उपवास का पालन करती रहेंगी और उन्होंने अपना आहार फल और दूध तक सीमित कर लिया।
विवेक ने कहा कि कई मौकों पर रिश्तेदारों ने संकल्प तोड़ने के लिए दबाब बनाया लेकिन उन्होंने सीमित उपवास जारी रखा। उन्होंने बताया कि उनकी मां संस्कृत की शिक्षिका थीं और निजी संस्थानों में पढ़ाती थीं। विवेक ने कहा कि मां की इच्छा अब पूरी हो गयी है। इसलिये मां का उपवास समाप्त कराने के लिये जल्द ही उद्यापन किया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मां किसी राजनीतिक या धार्मिक संगठन से जुड़ी नहीं हैं।’’