ऑटो सेक्टर को अगले साल बीएस-6 मानकों का करना होगा पालन, मारुति है तैयार, किया मोटर भ्रम में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 24, 2018 07:17 PM2018-12-24T19:17:54+5:302018-12-24T19:17:54+5:30

बीएस-6 मानकों के अनुपालन को लेकर वाहन उद्योग के लिये व्यस्त रहेगा अगला सालहीं मिली किसी महिला को जगह, जाति समीकरण का रखा गया पूरा ख्याल

auto sector has to follow bs 6 emission norm in next year | ऑटो सेक्टर को अगले साल बीएस-6 मानकों का करना होगा पालन, मारुति है तैयार, किया मोटर भ्रम में

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीक के तौर पर किया गया है।

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर: इलेक्ट्रिक समेत स्वच्छ ईंधन पर जोर के साथ वाहन उद्योग के लिये यह साल व्यस्तता भरा रहा। एक अप्रैल, 2020 से भारत चरण 6 मानकों के लागू होने के साथ अगला साल 2019 भी आसान नहीं होगा। वाहन उद्योग को कड़े उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिये अतिरिक्त कदम उठाने की आवश्यकता होगी। 

हालांकि कंपनियां अगले साल होने वाले आम चुनाव और नये-नये उत्पादों के साथ यात्री वाहनों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद जरूर कर रही हैं। 

देश के विभिन्न शहरों में बढ़ते प्रदूषण के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को भविष्य का विकल्प माना जा रहा है, पर वाहन बनाने वाली कंपनियां आगे के रास्ते को लेकर कोई आम राय बना पाने में सफल नहीं हुई हैं।

मारुति सुजुकी, मर्सिडीज बेंज, टोयोटा और होंडा आदि कार कंपनियों में हाइब्रिड, सीएनजी और जैव-ईंधन को लेकर 2018 में समर्थन दिखा लेकिन महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों में भरोसा जताया। 

चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में यात्री वाहनों में खासकर बिक्री में नरमी के बावजूद वाहन विनिर्माताओं की नजर बीएस-6 मानकों की समयसीमा पर टिकी रही।

मारुति सुजुकी बदलाव के लिए तैयार

मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने पीटीआई भाषा से कहा कि उद्योग बदलाव के लिये पूरी तरह तैयार है क्योंकि यह पिछले कुछ साल से योजना प्रक्रिया का हिस्सा है।

अपनी कंपनी के बारे में भार्गव ने कहा, ‘‘जहां तक मारुति सुजुकी का सवाल है, अगले वित्त वर्ष में पेश होने वाले वाहनों के संभवत: बीएस-6 मानकों पर आधारित होने की संभावना है।’’ 

भार्गव ने कहा कि बीएस-6 मानकों को अपनाने के लिये दिसंबर, 2019 तक कंपनी अपने ज्यादातर बीएस-4 मानकों पर आधारित वाहनों का उत्पादन बंद कर देगी। 

संक्रमण अवधि के दौरान बिक्री प्रभावित होने की चिंता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कंपनी की बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

वाणिज्यिक वाहनों में प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स ने कहा कि वह बीएस-6 मानकों वाले वाहनों के विनिर्माण और संक्रमण काल को लेकर पूरी तरह तैयार है।

टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी गुएंटेर बश्चेक ने कहा, ‘‘हमने इसके लिये संसाधन आबंटित किए हैं। हमने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है।’’ 

शीर्ष अदालत ने कहा है कि कंपनियों को एक अप्रैल, 2020 के बाद बीएस-4 मानकों वाले वाहनों को बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका मतलब है कि कंपनियों को समयसीमा से पहले अपने बीएस-4 मानकों वाले वाहनों को निकालना होगा।

वाहन विनिर्माता कंपनियों के संगठन सोसायटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के उप-महानिदेशक सुगातो सेन ने कहा कि अप्रैल, 2020 से वाहन उद्योग बीएस-6 मानकों की ओर बढ़ रहा है और अगले एक साल में कई अन्य नियामकीय मामलों का अनुपालन करना होगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग ने सभी चुनौतियों से पार पाते हुए इसे पहले भी पूरा किया और भविष्य में भी यही होगा।’’ 

अप्रैल 2020 तक बीएस-6 वाले वाहन बाजार में आएँगे

ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के भागीदार साकेत मेहरा ने कहा कि विनिर्माताओं को मौजूदा प्रणाली को उत्सर्जन के कड़े मानकों वाली व्यवस्था में तब्दील करना होगा ताकि वह अप्रैल, 2020 से बीएस-6 के अनुपालन वाले वाहन बाजार में ला सके।’’ 

उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा निवेश तथा कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों द्वारा उसी के हिसाब से उत्पादन जरूर मुश्किल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश तथा सार्वजनिक परिवहन के रूप में इसके उपयोग को लेकर भविष्य की रूपरेखा तय कर चुके हैं। 

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी वाहन उद्योग से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने तथा एथेनॉल और मेथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों की वकालत की है।

वैकल्पिक ईंधन नहीं अपनाने वाले वाहनों को ध्वस्त करने की एक समय बात कहते वाले गडकरी ने हालांकि अब यह भी कहा है कि सरकार पेट्रोल और डीजल ईंधन के खिलाफ नहीं है। 

सियाम का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये एक दीर्घकालीन नीति की जरूरत है ताकि उद्योग भविष्य की निवेश योजना बना सके।

किया मोटर्स इंडिया की शिकायत

किया मोटर्स इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक के शिम ने कहा, ‘‘भारत सरकार की नीतियां इस समय स्पष्ट नहीं है। हमें भविष्य की नीति का पता नहीं है लेकिन वैश्विक बाजार की परिस्थिति को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर रहेगा।’’ 

बिक्री की बात की जाए तो सियाम के सेन ने कहा कि यह मिला-जुला साल रहा।

वाणिज्यिक वाहन, तिपहिया और दोपहिया वाहनों में क्रमश: 32 प्रतिशत, 25 प्रतिशत और 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि यात्री वाहनों में अप्रैल-नवंबर के दौरान महज 5 प्रतिशत की हल्की वृद्धि हुई।

केरल में आयी बाढ़, ईंधन के दाम तथा बीमा लागत के साथ गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों में नकदी संकट से यात्री यात्री वाहनों की बिक्री पर असर पड़ा। हालांकि, वाहन उद्योग की कंपनियों को उम्मीद है कि 2019 चूंकि चुनावी साल है ऐसे में वाहनों की मांग बढ़ेगी।

Web Title: auto sector has to follow bs 6 emission norm in next year

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे