बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला अल्पसंख्यकों को बेदखल करने की सुनियोजित साजिश : आरएसएस
By भाषा | Updated: October 29, 2021 19:09 IST2021-10-29T19:09:53+5:302021-10-29T19:09:53+5:30

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला अल्पसंख्यकों को बेदखल करने की सुनियोजित साजिश : आरएसएस
(जी मंजू साईनाथ)
धारवाड़ (कर्नाटक), 29 अक्टूबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदुओं पर हुए हमले, अल्पसंख्यकों को बेदखल करने की ‘‘सुनियोजित साजिश’’ थी। आरएसएस ने भारत सरकार से अपील की है कि वह अपने पड़ोसी देश को वैश्विक स्तर पर हिंदुओं की चिंता से अवगत कराए और सुनिश्चित करे कि ढाका अल्पसंख्यकों पर हमले बंद करवाये।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए, सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि संघ मांग करता है कि बांग्लादेश सरकार हमलों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि अपराधियों को कड़ी सजा दी जाए।
आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक (एबीकेएम) यहां बृहस्पतिवार को शुरू हुई।
कुमार ने प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, अल्पसंख्यकों का समूल नष्ट करने और उन्हें बेदखल करने की सुनियोजित साजिश है। हमलों का मकसद फर्जी खबरों के जरिए धार्मिक टकराव पैदा करना था।’’
संघ ने कहा कि केन्द्र, बांग्लादेश को वैश्विक स्तर पर हिंदुओं के बीच उत्पन्न हुई चिंताओं से अवगत कराने के लिए उसके साथ अपने सभी राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करे और वहां की सरकार से हिंदू तथा बौद्ध समुदाय के लोगों पर हमले रोकने के लिए कहे।
उसने बांग्लादेश सरकार से भी अपील की कि वह हमलों को अंजाम देने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और सुनिश्चित करे कि इन अपराधियों को कड़ी सजा दी जाए।
उसने संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य मानवाधिकार संगठनों पर इस मुद्दे पर ‘‘चुप’’ रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह उनके ‘‘दोहरे मानदंड’’ को दिखाता है।
आरएसएस ने अपने प्रस्ताव में कहा, ‘‘एबीकेएम तथाकथित मानवाधिकार निगरानी संगठनों तथा संयुक्त राष्ट्र संबद्ध संगठनों की इस गहरी चुप्पी की निंदा करती है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बांग्लादेश के हिंदुओं, बौद्धों एवं अन्य अल्पसंख्यकों पर हिंसा की निंदा करने तथा उनकी सुरक्षा के लिए आवाज बुलंद करने का आह्वान करती है। ’’
उसने यह चेतावनी भी दी कि बांग्लादेश या विश्व के किसी भी हिस्से में कट्टरपंथी इस्लामिक ताकतों का उदय लोकतंत्र एवं दुनिया के शांतिप्रिय देशों के लोगों के मानवाधिकारों के लिए गंभीर खतरा होगा।
आरएसएस ने कहा कि वह चाहता है कि अपराधियों को दंडित किया जाए ताकि पड़ोसी देश में हिंदू, बौद्ध एवं अन्य अल्पसंख्यक गरिमा एवं शांति से अपना जीवन जी सकें।
संघ ने बांग्लादेश में इस्लामिक हिंसा के पीड़ितों के साथ खड़ा होने तथा हिंदू भाइयों को सभी तरह का सहयोग पहुंचाने को लेकर इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों एव प्रतिष्ठानों की भूरि भूरि प्रशंसा की । उसने यह भी कहा कि वह इस चुनौतीपूर्ण एवं मुश्किल घड़ी में बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के साथ पूरी दृढ़ता से खडा है।
जब कुमार से बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमेन के इस बयान के बारे में पूछा गया कि हिंसा में चार मुसलमानों एवं दो हिंदुओं की जान गयी तब उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अन्य एजेंसियों ने भी कई बातें कही हैं।
कुमार ने कहा, ‘‘ जिस तरीके से उन्होंने (मोमेन ने) अपने बयान से इस घटना को कमतर दिखाने का प्रयास किया है , वैसे में मैं महसूस करता हूं कि उन्हें तथ्यों एवं आंकड़ों को अलग से देखना चाहिए।
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