राजस्थान में सर्वे फिक्सिंग का शिकार हो रहे हैं प्रादेशिक चुनाव?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 11, 2018 08:40 AM2018-11-11T08:40:57+5:302018-11-11T08:40:57+5:30
राजस्थान के लिए किसी सर्वे में सीएम के लिए सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार सचिन पायलट हैं, किसी में अशोक गहलोत, तो किसी में वसुंधरा राजे!
इन दिनों इतने चुनावी सर्वे आ गए हैं कि मतदाता समझ नहीं पा रहे हैं कि किस पर भरोसा करें? राजस्थान के लिए किसी सर्वे में सीएम के लिए सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार सचिन पायलट हैं, किसी में अशोक गहलोत, तो किसी में वसुंधरा राजे! ऐसा लगता है कि प्रादेशिक चुनाव भी सर्वे फिक्सिंग का शिकार हो रहे हैं? मतलब, अब सर्वे भी अप्रत्यक्ष चुनाव प्रचार का तरीका बनते जा रहे हैं, जिनके माध्यम से अपनी बात पर सर्वे की मुहर लगाई जा रही है!
जनता की सबसे बड़ी उलझन यह है कि सर्वे तो इतने सारे आ रहे हैं, परंतु सर्वे करने वाले कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. यही नहीं, कुछ हजार लोगों की राय को लाखों के मन की बात करार दिया जा रहा है! बहरहाल, ज्यादातर सर्वे में राजस्थान में कांग्रेस को बेहतर स्थिति में बताया जा रहा है, लेकिन सीएम को लेकर एकराय नहीं है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 12 और 20 नवंबर, मध्यप्रदेश-मिजोरम में 28 नवंबर और राजस्थान-तेलंगाना में 7 दिसंबर को मतदान होना है. चुनाव आयोग ने लगाई एग्जिट पोल पर रोक चुनाव आयोग ने राजस्थान सहित पांच राज्यों में होने जाने रहे प्रादेशिक चुनावों के एग्जिट पोल पर रोक लगा दी है.
यह प्रतिबंध 12 नवंबर से 7 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा. इस दौरान प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक आदि मीडिया पर एग्जिट पोल संबंधी कोई भी समाचार प्रकाशित-प्रसारित नहीं किया जा सकेगा. चुनाव आयोग ने यह प्रतिबंध रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट 1951 के तहत लगाया है, जिसके अनुसार, मतदान शुरू होने से लेकर मतदान खत्म होने के आधे घंटे बाद तक एग्जिट पोल नहीं प्रदर्शित किया जा सकता है.