विधानसभा चुनाव 2018: सट्टा बाजार में किस पार्टी की है धूम, MP-CG-राजस्थान में ये है बीजेपी-कांग्रेस के भाव
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Updated: October 28, 2018 07:47 IST2018-10-28T07:47:12+5:302018-10-28T07:47:12+5:30
अगर कोई शख्स भाजपा पर 10 हजार रुपए लगाता है और अगर पार्टी फिर से सत्ता में आती है तो उसे 11 हजार रुपए मिलेंगे।

सांकेतिक तस्वीर
देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं,वैसे-वैसे सटोरिए भी सक्रिय होते जा रहे हैं।खासकर मप्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसकी बनेगी सरकार, इसको लेकर अभी से बाजार में सट्टा लगना शुरू हो चुका है।
सटोरियों का मानना है कि मप्र और छत्तीसगढ़ में जहां भाजपा फिर से जीत सकती है, वहीं, राजस्थान में कांग्रेस की वापसी हो सकती है। हालांकि,अभी पार्टियां आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के चयन को लेकर माथापच्ची कर रही हैं। सट्टेबाजों के अनुसार, अगर कोई शख्स भाजपा पर 10 हजार रुपए लगाता है और अगर पार्टी फिर से सत्ता में आती है तो उसे 11 हजार रुपए मिलेंगे।
वहीं, अगर कांग्रेस पर कोई 4,400 रु पए लगाता है और अगर कांग्रेस की सत्ता में लौटती है तो उसे 10 हजार रु पए मिलेंगे। मतलब साफ है कि कांग्रेस पर सट्टा लगाने वालों को ज्यादा फायदा मिल सकता है, लेकिन सट्टेबाजों का मानना है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी मुश्किल लग रही है। इसलिए भाजपा पर ज्यादा लोग सट्टा लगाएंगे।
एक बुकी ने बताया कि हमें उम्मीद है कि भाजपा एमपी में फिर जीत दर्ज करेगी, जबकि कांग्रेस की उम्मीद कम है। भाजपा छत्तीसगढ़ में जीत हासिल कर सकती है, जबकि कांग्रेस राजस्थान में वापसी कर सकती है। बुकी का कहना है कि टिकट के बंटवारे के बाद सट्टा के रेट में अंतर आ सकता है, लेकिन इस ट्रेंड के बदलने की उम्मीद मुझे कम है।
हर चुनाव में लगता है करोड़ों का सट्टा
हर चुनाव में करोड़ों रु पए का सट्टा लगता है। फोन, वेबसाइट और ऑनलाइन मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए सट्टा लगते हैं। पुलिस के मुताबिक ऑनलाइन सट्टा रैकेट को पकड़ना मुश्किल होता है, क्योंकि यह एक जगह से दूसरे जगह मूव करते रहते हैं। ऑन लाइन सट्टेबाजी मूविंग कार, कैफे या शहर के पब्लिक प्लेस से भी संचालित किया जा सकता है। भोपाल में हर रोज सट्टेबाजी से संबंधित तीन मामले दर्ज हो रहे हैं। डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने कहा कि पुलिस सट्टेबाजी में शामिल लोगों के खिलाफ स्पेशल अभियान चला रही है। राज्य की साइबर सेल ऐसी वेबसाइटों पर नजर रख रही है।