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Assembly bypolls 2023: कल मतगणना, 6 राज्य और 7 विधानसभा सीट, भाजपा के सामने ‘इंडिया’ गठबंधन की पहली परीक्षा, जानें क्या है समीकरण

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 7, 2023 16:33 IST

Assembly bypolls 2023: केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एकजुट होकर मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों द्वारा गठित ‘इंडिया’ गठबंधन का यह पहली चुनावी परीक्षा मानी जा रही है।

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ठळक मुद्देउपचुनाव के लिए वोटों की गिनती 8 सितंबर को होगी।विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए एक अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। धनपुर और बॉक्सनगर और उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर संयुक्त रूप से मुकाबला कर रहा है।

Assembly bypolls 2023: पांच राज्य में विधानसभा चुनाव (दिसंबर 2023) और लोकसभा चुनाव (2024) से पहले 6 राज्य के 7 विधानसभा पर उपचुनाव हुआ है। कल मतगणना है। मंगलवार को वोट डाला गया था। उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती 8 सितंबर को होगी।

साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और 2023 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए एक अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। विपक्षी गठबंधन उत्तर प्रदेश की घोसी सीट, झारखंड की डुमरी, त्रिपुरा की धनपुर और बॉक्सनगर और उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर संयुक्त रूप से मुकाबला कर रहा है।

जबकि पश्चिम बंगाल के धूपगुड़ी और केरल के पुथुपल्ली में गठबंधन के घटक ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की घोसी सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और ओबीसी नेता दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। वह सपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने चौहान को मैदान में उतारा है।

जबकि सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह को कांग्रेस और वाम दलों ने समर्थन दिया है। चौहान योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार में मंत्री थे। उन्होंने 12 जनवरी 2022 को मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था और सपा में शामिल हो गये थे। विपक्षी एकता के लिए एक कसौटी है और एक जीत अगले साल लोकसभा चुनावों के लिए उनके पक्ष में रुझान स्थापित कर सकती है।

उत्तर बंगाल में धूपगुड़ी विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और कांग्रेस समर्थित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। तृणमूल कांग्रेस ने 2016 में इस सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन 2021 के चुनाव में भाजपा ने यह सीट उससे छीन ली थी।

त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले की धनपुर और बॉक्सानगर विधानसभा सीटों पर मुख्यमंत्री माणिक साहा ने पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया। मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा और कांग्रेस इससे दूर रहे हैं।फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर हार गए तफज्जल हुसैन अल्पसंख्यक बहुल बॉक्सानगर निर्वाचन क्षेत्र में माकपा के मिजान हुसैन से मुकाबला करेंगे।

इस सीट को अभी भी वाम दलों का गढ़ माना जाता है। कभी वामपंथियों का मजबूत गढ़ रहा धनपुर में भाजपा की बिंदु देबनाथ का मुकाबला माकपा के कौशिक देबनाथ के साथ है। झारखंड की डुमरी सीट पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की उम्मीदवार बेबी देवी का सीधा मुकाबला राजग प्रत्याशी यशोदा देवी से है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने दावा किया है कि ‘इंडिया’ गठबंधन डुमरी से अपनी जीत की शुरुआत करेगा। यह सीट दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। राजग ने विश्वास जताया कि वह झामुमो से सीट छीनने के लिए पूरी तरह तैयार है। विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना(यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस, झामुमो, आम आदमी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम, नेशनल कांफ्रेंस,पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, माकपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, सपा और राष्ट्रीय लोकदल सहित कुल 28 दल शमिल हैं।

अप्रैल में पूर्व शिक्षा मंत्री और झामुमो विधायक जगरनाथ महतो की मृत्यु के बाद उपचुनाव आवश्यक हो गया था। महतो 2004 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। हालांकि, कांग्रेस और सत्तारूढ़ वाम दल केरल के पुथुप्पल्ली उपचुनाव में एक-दूसरे का मुकाबला करेंगें। राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस ‘‘सत्ता-विरोधी लहर’’ और दिवंगत ओमन चांडी की विरासत पर निर्भर है।

कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी की मृत्यु के बाद सहानुभूति लहर का लाभ उठाने के उनके बेटे चांडी ओमन को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ वाम दलों ने एक बार फिर डीवाईएफआई नेता जैक सी थॉमस को मैदान में उतारा है जिन्होंने 2016 और 2021 में दिवंगत चांडी के खिलाफ इस क्षेत्र से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार मिली थी।

भाजपा ने अपने कोट्टायम जिला अध्यक्ष जी लिजिनलाल को मैदान में उतारा है। उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। सत्तारूढ़ भाजपा ने सीट बरकरार रखने के लिए पार्वती दास को मैदान में उतारा है। इस सीट से 2007 से लगातार चार बार उनके पति चंदन दास ने जीत हासिल की थी और उनकी मृत्यु के कारण उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं ने दास के लिए प्रचार किया। हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष करण महारा और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता यशपाल आर्य जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने पार्टी उम्मीदवार बसंत कुमार के लिए प्रचार किया और वे गत कई दिनों से बागेश्वर में डेरा डाले हुए थे। विपक्षी दलों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए जुलाई में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूशिव अलायंस (इंडिया) के गठन की घोषणा की थी। 

(इनपुट एजेंसी)

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