अशोक गहलोत ने पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन पर कहा, "केंद्र सरकार को उनकी कोई परवाह नहीं है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 4, 2023 07:23 AM2023-06-04T07:23:22+5:302023-06-04T07:26:59+5:30

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पाली में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन पर कहा कि 'पहलवान दिल्ली में विरोध कर रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार को उनकी दुर्दशा की भी परवाह नहीं है।

Ashok Gehlot said on the protest of the wrestlers, "The central government does not care" | अशोक गहलोत ने पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन पर कहा, "केंद्र सरकार को उनकी कोई परवाह नहीं है"

अशोक गहलोत ने पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन पर कहा, "केंद्र सरकार को उनकी कोई परवाह नहीं है"

Highlightsअशोक गहलोत ने पहलवानों के विरोध को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशानाकेंद्र को कोई परवाह नहीं है कि देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवानों की दुर्दशा हो रही हैइससे ज्यादा दुखद क्या हो सका है कि दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई

पाली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण सिंह की गिरफ्तार और बर्खास्तगी को लेकर चल रहे पहलवानों के विरोध को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है कि देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवानों की दुर्दशा हो रही है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को राजस्थान के पाली में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, ''पहलवान दिल्ली में विरोध कर रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार को उनकी दुर्दशा की भी परवाह नहीं है। दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई, जबकि हमें राजस्थान में यौन उत्पीड़न या दुर्व्यवहार के आरोप की स्थिति में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है।"

इससे पहले बीते शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को 9 जून तक गिरफ्तार नहीं किया गया तो किसान संगठन पहलवानों के पक्ष में देश भर में पंचायत करेंगे।

प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एक खाप पंचायत में शामिल हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अगर निर्धारित समय के भीतर किसान संगन की मांगें नहीं मानी गईं, तो किसान राजधानी के जंतर मंत्र तक मार्च करेंगे। राकेश टिकैट ने कहा, "हमने पहलवानों के पक्ष में एक प्रस्ताव पास किया है कि केंद्र सरकार को फौरन पहलवानों की शिकायतों का समाधान करना चाहिए और उन्हें (बृजभूषण शरण सिंह) गिरफ्तार किया जाना चाहिए अन्यथा हम 9 जून को पहलवानों के साथ दिल्ली के जंतर मंतर जाएंगे और देश भर में पंचायत करेंगे।"

खाप नेताओं ने कहा कि अगर उन्हें नौ जून को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन नहीं करने दिया गया तो वे सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। इस पूरे घटनाक्रम से पहले मंगलवार को ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट अपने पदकों को गंगा में विसर्जित करने के लिए अपने समर्थकों के साथ हरिद्वार के हर की पौड़ी गईं।

हालांकि, मौके पर किसान नेता नरेश टिकैत पहुंच गये और उन्होंने पहलवानों को समझाया। जिसके बाद पहलवानों ने अपने पदक गंगा में विसर्जित नहीं करने का फैसला किया। किसान नेता नरेश टिकैत से बातचीत के बाद पहलवानों ने सरकार को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया।

उससे पहले दिल्ली पुलिस ने पहले बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी। जहां पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी, वहीं दूसरी शील भंग करने से संबंधित है।

Web Title: Ashok Gehlot said on the protest of the wrestlers, "The central government does not care"

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