अनुच्छेद 370  हटना हमारे लिए सपना सच होने जैसा, जन्मभूमि से दूर कश्मीरी पंडितों ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 5, 2019 18:59 IST2019-08-05T18:59:49+5:302019-08-05T18:59:49+5:30

कश्मीरी पंडित समुदाय की यह महिला जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय के बाद खुशी से फूली नहीं समा रही हैं। माया, मशहूर फिल्म अभिनेता मानव कौल की मां हैं। उन्होंने सोमवार को कहा, "मैं आपको कैसे बताऊं कि आज मैं कितनी खुश हूं। मुझे सुखद आश्चर्य भी हो रहा है कि अनुच्छेद 370 आखिर किस तरह हट गया?"

As per Article 370, the dream come true for us, Kashmiri Pandits have said away from the birthplace | अनुच्छेद 370  हटना हमारे लिए सपना सच होने जैसा, जन्मभूमि से दूर कश्मीरी पंडितों ने कहा

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में उनके समुदाय के लोगों की वापसी की राह आसान हो सकेगी। 

Highlightsकौल ने बताया, "जैसे ही मुझे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने की खबर मिली, मेरी आंखों के सामने 1989 की सारी घटनाएं घूम गयीं।"अब जम्मू-कश्मीर के दरवाजे तमाम देशवासियों के लिये खुल गये हैं, भले ही वह किसी भी समुदाय से ताल्लुक रखता हो।"

माया कौल को 1989 का वह दिन आज भी अच्छी तरह याद है, जब हिंसा के निर्मम दौर के कारण उन्हें अपने पति और दो छोटे बच्चों के साथ जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले से घर-बार छोड़कर रवाना होना पड़ा था।

कश्मीरी पंडित समुदाय की यह महिला जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय के बाद खुशी से फूली नहीं समा रही हैं। माया, मशहूर फिल्म अभिनेता मानव कौल की मां हैं। उन्होंने सोमवार को कहा, "मैं आपको कैसे बताऊं कि आज मैं कितनी खुश हूं। हालांकि, मुझे सुखद आश्चर्य भी हो रहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 आखिर किस तरह हट गया?"

कौल ने बताया, "जैसे ही मुझे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने की खबर मिली, मेरी आंखों के सामने 1989 की सारी घटनाएं घूम गयीं। मुझे आज भी याद है कि तब हिंसा के दौर के कारण मुझे अपने पति और दो छोटे बच्चों के साथ केवल एक सूटकेस के साथ बारामूला जिले का हमारा घर छोड़ना पड़ा था। हमारा परिवार जम्मू-कश्मीर छोड़कर मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में बस गया था।"

उन्होंने कहा, "अब जम्मू-कश्मीर के दरवाजे तमाम देशवासियों के लिये खुल गये हैं, भले ही वह किसी भी समुदाय से ताल्लुक रखता हो।" इस बीच, कश्मीरी पंडित समुदाय के अन्य लोगों ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने पर यहां आतिशबाजी कर जश्न मनाया।

स्थानीय संगठन "कश्मीरी समिति" के प्रमुख वीरेंद्र कौल ने कहा, "केंद्र सरकार ने हालात से निपटने की पुख्ता तैयारी के साथ जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर बहुत अच्छा कदम उठाया है। हम लोगों ने तो ऐसे किसी कदम की आस ही छोड़ दी थी।"

कौल याद करते हुए कहते हैं, "1990 में पुलवामा जिले में हमारे पुश्तैनी मकान को करीब 2,500 लोगों की हिंसक भीड़ ने जलाकर खाक कर दिया था। जान की सलामती के लिये मेरे परिवार को अपनी मातृभूमि रातों-रात छोड़नी पड़ी थी। तब मैं 10वीं में पढ़ता था।"

इंदौर में बसे कश्मीरी पंडितों ने जश्न के दौरान यह उम्मीद भी जतायी कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में उनके समुदाय के लोगों की वापसी की राह आसान हो सकेगी। 

Web Title: As per Article 370, the dream come true for us, Kashmiri Pandits have said away from the birthplace

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