अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने स्थायी आवासीय प्रमाण पत्र को लेकर भड़के हिंसा के मामले पर कहा, मैं प्रदेश के लोगों को इस बात का भरोसा दिलाना चाहता हूं कि सरकार इस मुद्दे को भविष्य में कभी नहीं उठाएगी। ये मैसेजे बिल्कुल साफ है। मैं अरुणाचल प्रदेश के जनता को इस बात का विश्वास दिलाना चाहता हूं कि ऐसा कभी नहीं होगा। अरुणाचल प्रदेश में छह समुदायों को स्थायी निवासी प्रमाण-पत्र (पीआरसी) दिए जाने की सिफारिश के विरोध में राज्य में बड़े पैमाने पर हो रहे प्रदर्शनों के बीच रविवार को कथित रूप से पुलिस गोलीबारी में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य जख्मी हो गये। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ''22 फरवरी की रात को मैंने मीडिया तथा सोशल मीडिया के जरिए साफ कर दिया था कि सरकार इस मुद्दे पर आगे चर्चा नहीं करेगी। आज भी मुख्य सचिव की मार्फत एक आदेश जारी किया गया है कि हम पीआरसी मामले पर आगे कार्रवाई नहीं करेंगे।"
अरुणाचल प्रदेश में हो रही इन घटनाओं पर मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा, मुझे पुरा भरोसा है कि इन सब के पीछे किसी-न-किसी का हाथ जरूर है। ये सब एक साजिश के तहत करवाया जा रहा है।
उप-मुख्यमंत्री के घर पर हमला
अरुणाचल प्रदेश में छह समुदायों को स्थायी निवासी प्रमाण-पत्र (पीआरसी) दिए जाने की सिफारिश के विरोध में राज्य में बड़े पैमाने पर हो रहे प्रदर्शनों के बीच रविवार को कथित रूप से पुलिस गोलीबारी में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य जख्मी हो गये।
पुलिस ने उस वक्त गोलीबारी की जब दोपहर के समय यहां ईएसएस सेक्टर में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के निजी आवास पर हमला करने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों से लौट जाने की अपील की, लेकिन अपील को अनसुना करते हुए प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री के आवास की तरफ बढ़े और पत्थरबाजी करने लगे। सूत्रों ने बताया कि हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें 20 और 24 साल के बीच की उम्र के दो युवक मारे गये।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव सत्य गोपाल ने यहां एक बयान में कहा, ''नामसाई और चांगलांग जिलों के गैर-एपीएसटी (अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजातियों) को पीआरसी दिए जाने से जुड़े मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि पीआरसी दिए जाने को लेकर आगे कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।''
मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे की उठी मांग
प्रदर्शनकारी पीआरसी मुद्दे के स्थायी समाधान, मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे, प्रदर्शनकारियों (करीब 40) की बिना शर्त रिहाई और मुख्य सचिव एवं अन्य के तत्काल तबादले की मांग कर रहे हैं। यहां के सबसे बड़े समुदाय ‘निशी’ की सर्वोच्च संस्था ‘निशी एलीट सोसाइटी’ (एनईएस) ने लोगों से शांत रहने और अधिकतम संयम बरतने की अपील की है ताकि हिंसा बढ़ने से रोकी जा सके। एनईएस ने 21 और 22 फरवरी को किए गए बंद से निपटने में लापरवाही और ‘‘लोगों की नब्ज समझ पाने में नाकामी’’ के लिए राज्य सरकार की भी निंदा की।
इससे पहले, दिन में पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अरुणाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन के निजी आवास को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया जबकि उपायुक्त के दफ्तर में तोड़फोड़ की। (पीटीआई इनपुट के साथ)