नई दिल्ली, 8 अगस्त: राफेल सौदे को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा और वरिष्ठ एडवोकेट प्रशांत भूषण ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। शौरी, सिन्हा और भूषण ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अरुण शौरी ने कहा, फ्रांस के साथ हुए राफेल डील आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। इस सौदे ने राष्ट्रीय सुरक्षा को गहरा नुकसान पहुंचाया है।
अनिल अंबानी ने मुद्दे को दबाने के लिए लिखी चिट्ठी
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा राफेल सौदे के मुद्दे को ना उठाने के लिए उन्हें अनिल अंबानी ने पत्र लिखा था। उन्होंने कहा, पीएम मोदी के दौरे के दौरान राफेल विमान का जो सौदा हुआ वह, बिल्कुल नया था। इसके लिए साझा घोषणापत्र में भी किसी नए उपकरण या हथियार लगाए जाने का जिक्र नहीं था। वही पुराने सेम कॉन्फिगरेशन के हथियार का थे, जिसे वायुसेना ने पहले ही टेस्ट में अप्रूव कर दिया था। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा, मोदी सरकार ये जवाब दे कि आखिर इसका कॉन्ट्रेक्ट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से हटाकर अनिल अंबानी की कंपनी को क्यों दिया गया? ऐसी कंपनी को जिसे सेना और डिफेंस का कोई अनुभव नहीं था। सबसे बड़ा सवाल वह भी ऐसी कंपनी, जिसे महज सिर्फ 10 दिन पहले बनाई गई थी।
अरुण शौरी ने यह भी कहा, हथियार के कीमत ना बताने के पीछे जो तर्क दिया, वह भी बकवास था। जबकि सरकार के रक्षा राज्यमंत्री खुद लोकसभा में कीमत बता चुके हैं- 670 करोड़ प्रति विमान जिसमें सब कुछ शामिल है
प्रशांत भूषण ने कहा- देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़
प्रशांत भूषण ने कहा कि मोदी सरकार के राफेल सौदे को लेकर देश की सुरक्षा के साथ काफी खिलवाड़ किया गया है। पहले सिर्फ 36 विमानों की बात हो रही थी और अचानक पीएम मोदी ने 120 राफेल विमान खरीद लिए थे। जबकि एयरफोर्स के किसी भी अधिकारी ने 120 राफेल विमानों की जरुरत नहीं जताई थी। इन्होंने ने भी अनिल अंबानी वाली बात को लेकर सरकार पर तंज किया था। इन्होंने कहा- देश के उद्योगपति को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई। इतिहास यही कहता है कि इतने बड़े प्रोजेक्ट्स फेल हो जाते हैं और उसकी कंपनी कर्ज में डूब जाती है।
यशवंत सिन्हा ने कहा- व्यक्तिगत सवाल से देश का भला नहीं होगा
यशवंत सिन्हा ने भी मोदी सरकार पर तंज कसा है। लेकिन जब उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि जिस सरकार पर इतने बड़े घोटाले का आरोप लग रहा है, उसी मोदी सरकार में आपका बेटा भी मंत्री है, तो क्या वह अपने बेटे को इस्तीफा देने के लिए बोलेंगे? इस सवाल के जवाब पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि वे किसी को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहते और अगर वे कहते हैं तो सामने वाला उनकी बात मानेगा, इसकी क्या गारंटी? उन्होने कहा कि इस तरह के व्यक्तिगत सवाल देश का भला नहीं कर सकत है।
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