'अवार्ड वापसी' की शुरुआत करने वाले लेखक उदय प्रकाश ने किया अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन, लिखा- आज की तारीख़ इतिहास में दर्ज
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 5, 2019 17:15 IST2019-08-05T17:15:11+5:302019-08-05T17:15:11+5:30
उदय प्रकाश ने कहा कि कई तरह की व्याख्याएं होंगी, भविष्य को लेकर कई-कई तरह की व्याख्याएं होंगी, भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगेंगी और बहसें होंगी, लेकिन आज की तारीख़ (5 अगस्त 2019) इतिहास में दर्ज तो हो ही गयी।

अब जम्मू-कश्मीर समेत समूचे देश की जनता के मूलभूत संवैधानिक नागरिक अधिकार समान और एक हो गये हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया, जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होंगे। गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।
इससे पहले सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक घंटे लंबी बैठक चली। समझा जाता है कि इस बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
यह भी पढ़ें: आर्टिकल 370 हटाए जाने से कश्मीर में होंगे ये बदलाव, पिक्स में देखें
इस बीच, अवार्ड वापसी की शुरुआत करने वाले वरिष्ठ लेखक उदय प्रकाश ने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर आज के दिन भारत का अभिन्न हिस्सा बन गया। उदय प्रकाश ने कहा कि कई तरह की व्याख्याएं होंगी, भविष्य को लेकर कई-कई तरह की व्याख्याएं होंगी, भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगेंगी और बहसें होंगी, लेकिन आज की तारीख़ (5 अगस्त 2019) इतिहास में दर्ज तो हो ही गयी।
यह काग़ज़ के पन्नों पर नहीं, इस उपमहाद्वीप के भूगोल पर उकेरा गया वर्तमान है, जो अब आने वाले भविष्य के हर पल के साथ इतिहास बनता जा रहा है। धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर आज के दिन भारत का अभिन्न हिस्सा बन गया, अब उस स्वर्ग या जन्नत के फ़रिश्ते भी देश के सामान्य नागरिकों के अविभाज्य अंग बन कर उसमें घुलमिल जायं, इससे अधिक और क्या कामना हो सकती है ?
अब जम्मू-कश्मीर समेत समूचे देश की जनता के मूलभूत संवैधानिक नागरिक अधिकार समान और एक हो गये हैं। अब हमारे संघर्ष और उपलब्धियाँ, जय और पराजय भी एक ही होंगे।
आपको बता दें कि साल 2016 में देश में असहिष्णुता को लेकर अवॉर्ड वापसी की थी, जिसके बाद देश के कई नामी - गिरामी हस्तियों ने उनका समर्थन करते हुए अवॉर्ड वापसी की थी। पूरे देश में अवॉर्ड वापसी का माहौल खड़ा हो गया था और आए दिन कोई न कोई शख्सियत देश में असहिष्णुता के मामले पर अवॉर्ड वापसी की। इसके अलावा उदय प्रकाश मोदी सरकार के कई मामलों में मुखर विरोधी रहे थे। इसलिए उदय प्रकाश का सरकार को अनुच्छेद 370 पर फैसले को लेकर समर्थन को बड़ी बात माना जा रहा है।
आपको बता दें कि साल 2016 में कन्नड़ लेखक कलबुर्गी की हत्या कर दी गई थी जिसके बाद उदय प्रकाश ने साहित्य अकादमी सम्मान लौटाकर सबसे पहले अवॉर्ड वापस कर सरकार के विरोध की शुरुआत की थी। तब सरकार और बीजेपी समर्थकों ने अवॉर्ड वापसी करने वाले साहित्यकारों के इस कदम का तीखा विरोध किया था। सोशल मीडिया पर उदय प्रकाश को 'अवॉर्ड वापसी गैंग का मुखिया' तक कहा गया था।
