Article 370: तिलमिला रहे पाकिस्तान का कोई पैतरा नहीं आ रहा काम, संयुक्त राष्ट्र से भी मिली मायूसी

By भाषा | Published: August 9, 2019 01:26 PM2019-08-09T13:26:44+5:302019-08-09T13:26:44+5:30

गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महासचिव जम्मू कश्मीर में स्थिति पर गंभीरता से नजर रख रहे हैं और उन्होंने इस पर अधिकतम संयम बरतने की अपील की है। महासचिव ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर 1972 में हुए उस समझौते को भी याद किया जिसे शिमला समझौते के नाम से जाना जाता है।

Article 370: UN denies to intervene in Kashmir Issue, Pakistan approach Antonio Guterres | Article 370: तिलमिला रहे पाकिस्तान का कोई पैतरा नहीं आ रहा काम, संयुक्त राष्ट्र से भी मिली मायूसी

पाकिस्ताम के पीएम इमराम खाम और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस। (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते को याद किया जिसमें कश्मीर में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया गया है। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने गुतारेस से उचित भूमिका निभाने के लिए कहा जिसके बाद उनका यह बयान आया है।

गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महासचिव जम्मू कश्मीर में स्थिति पर गंभीरता से नजर रख रहे हैं और उन्होंने इस पर अधिकतम संयम बरतने की अपील की है। महासचिव ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर 1972 में हुए उस समझौते को भी याद किया जिसे शिमला समझौते के नाम से जाना जाता है।

इस समझौते में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर की अंतिम स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार शांतिपूर्ण तरीकों से निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने शिमला समझौते को याद किया जिसमें कहा गया है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।

इससे एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के फैसले बाद महासचिव से अपनी उचित भूमिका निभाने के लिए कहा था। महासचिव ने कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की कोई पेशकश नहीं दी। इसके बजाय उन्होंने शिमला समझौते का हवाला दिया।

गुतारेस ने सभी पक्षों से ऐेसे कदमों को उठाने से बचने का भी आह्वान किया है जिससे जम्मू कश्मीर की स्थिति प्रभावित हो सकती है। उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान के उस फैसले के बाद आयी है जिसमें उसने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया और द्विपक्षीय व्यापार भी निलंबित कर दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या महासचिव की योजना कश्मीर मुद्दे को सुरक्षा परिषद में उठाने की है, दुजारिक ने जवाब दिया, ‘‘मुझे ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है।’’ साथ ही उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मिले पत्र को उनके अनुरोध पर सुरक्षा परिषद के पास भेज दिया गया है।

यह पूछने पर कि क्या महासचिव को लगता है कि कश्मीर में स्थिति पर किसी विशेष दूत के जरिए करीबी नजर रखने की जरूरत है, दुजारिक ने कहा, ‘‘महासचिव स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सचिवालय निकटता से स्थिति पर नजर रख रहा है लेकिन मेरे पास विशेष दूत के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’’

Web Title: Article 370: UN denies to intervene in Kashmir Issue, Pakistan approach Antonio Guterres

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