Article 370: जम्मू कश्मीर में पाबंदियों पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, जानिए फैसले की 10 बड़ी बातें
By आदित्य द्विवेदी | Published: January 10, 2020 11:44 AM2020-01-10T11:44:33+5:302020-01-10T11:44:33+5:30
केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद वहां लगाये गये प्रतिबंधों को 21 नवंबर 2019 को सही ठहराया था।
आर्टिकल 370 हटाने के बाद से पाबंदियों झेल रहे जम्मू कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। अपने फैसले में कोर्ट ने धारा 144 और इंटरनेट पर लगातार पाबंदी के मुद्दे पर सख्त टिप्पणी की है। इसके साथ ही राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि एक हफ्ते में सभी प्रकार के प्रतिबंधों की समीक्षा की जाए। जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कश्मीर में जारी पाबंदियों के खिलाफ कई जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं।
जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें...
1. जम्मू-कश्मीर में हिंसा का एक इतिहास रहा है। विरोध के बावजूद दो तरीके के विचार सामने आते हैं। लोकतंत्र में लोगों को असहमति जताने का पूरा अधिकार है।
2. राज्य सरकार को इंटरनेट की पाबंदी, धारा 144, यात्रा पर रोक जैसे सभी आदेशों को प्रकाशित करना होगा।
3. सात दिनों के अंदर सभी प्रकार के प्रतिबंधों के आदेश की समीक्षा करनी होगी।
4. सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया है। जो सरकार के फैसलों की समीक्षा करेगी और सात दिन के अंदर अदालत को रिपोर्ट सौपेंगी।
5. राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह तुरंत ई-बैंकिंग और ट्रेड सर्विस को शुरू करे।
6. इंटरनेट बैन पर सरकार को विचार करना चाहिए। बिना वजह इंटरनेट पर बैन नहीं लगाया जा सकता है। यह लोगों के अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का हिस्सा है।
7. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अनुराधा बसिन समेत कई अन्य नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में पाबंदियों के खिलाफ याचिका दायर की थी।
8. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए कहा।
9. केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद वहां लगाये गये प्रतिबंधों को 21 नवंबर को सही ठहराया था।
10. धारा 144 का इस्तेमाल किसी के विचारों को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता।