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आर्टिकल 370 पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- 'पीएम मोदी को संसद के प्रस्ताव के तहत POK की जमीन भी वापस लेनी चाहिए'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 5, 2019 15:37 IST

सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने पर समर्थन में BJD, BSP, AIADMK, TRS, TDP, AAP, and YSRCP है। वहीं, विरोध में कांग्रेस  JD(U), CPI, TMC, DMK, RJD, और MDMK विरोध में हैं।  

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ठळक मुद्देआरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा, "हिन्दुस्तानी की मोहब्बत का कोई पैमाना हो तो, आज हमने कश्मीर की फीलिस्तान बनने का रास्ता खोल दिया है।''आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं।

जम्मू-कश्मीर पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया। इसका राज्यसभा में बीजेपी से मनोनीत सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि नेता विपक्ष को कानून की सही जानकारी नहीं है और देश में आज ऐतिहासिक दिन है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि कश्मीर भारत देश का हिस्सा है और उसमें अलग कानून नहीं लागू हो सकता। कश्मीर में धारा 144 लागू है और महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं को नजरबंद किया गया है। मोदी कैबिनेट की अहम बैठक खत्म के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी अनुच्छेद को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है। 

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, अनुच्छेद-370 अब जा चुका है और कश्मीर पर कोई मध्यस्थता नहीं होगी। उन्हें भारत का हिस्सा आजाद कश्मीर को लौटाना ही होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में  प्रस्ताव के तहत PoK की जमीन भी वापस लेनी चाहिए। 

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि अनुच्छेद-370 के मुताबिक, राष्ट्रपति के पब्लिक नोटिस से इसे हटाया जा सकता है और उसी का प्रस्ताव रखा गया है, इसे संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं है।  

सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने पर समर्थन में BJD, BSP, AIADMK, TRS, TDP, AAP, and YSRCP है। वहीं, विरोध में कांग्रेस  JD(U), CPI, TMC, DMK, RJD, और MDMK विरोध में हैं।  

आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा, "हिन्दुस्तानी की मोहब्बत का कोई पैमाना हो तो, आज हमने कश्मीर की फीलिस्तान बनने का रास्ता खोल दिया है। आप नैरिटिव चला रहे हैं। अंहकार त्यागिए, कश्मीरीयों को गले लगाए तो सब अपने आप ठीक हो जाएगा। आज इतिहास दर्ज हो रहा है। 5 साल बाद जेपी की यह चिट्ठी सदन में पढ़ी जाएगी और बोलेंगे कि इस सदन में किसी ने अगाह किया है।''

जानिये क्या है आर्टिकल 370? 

आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। 

टॅग्स :धारा ३७०जम्मू कश्मीरआर्टिकल 35A (अनुच्छेद 35A)सुब्रमणियन स्वामी
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