Article 370: मोदी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, अनुच्छेद 370 खत्म, बेंच ने कहा- 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराएं
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 11, 2023 11:47 AM2023-12-11T11:47:32+5:302023-12-11T12:03:38+5:30
Article 370: हमारा फैसला है कि राष्ट्रपति का राज्य से नहीं बल्कि केंद्र से सहमति मांगना वैध है, भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू हो सकते हैं।
Article 370: उच्चतम न्यायालय में मोदी सरकार की जीत हुई है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाना है। सीजेआई से सहमति जताते हुए न्यायमूर्ति एस के कौल ने फैसले में कहा कि अनुच्छेद 370 का उद्देश्य जम्मू कश्मीर को धीरे-धीरे अन्य भारतीय राज्यों के बराबर लाना था।
Correction | Supreme Court says it has held that Article 370 was* a temporary provision.
— ANI (@ANI) December 11, 2023
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए। राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल के लिए परामर्श और सहयोग के सिद्धांत का पालन करना आवश्यक नहीं था। हम संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए संवैधानिक आदेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल को वैध मानते हैं।
VIDEO | Five-judge Supreme Court bench delivers verdict on petitions challenging abrogation of Article 370 from Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/sJKIFWvPAF
— Press Trust of India (@PTI_News) December 11, 2023
अनुच्छेद 370 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के संघ के साथ संवैधानिक एकीकरण के लिए था और यह विघटन के लिए नहीं था, और राष्ट्रपति घोषणा कर सकते हैं कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो गया है।" हमारा फैसला है कि राष्ट्रपति का राज्य से नहीं बल्कि केंद्र से सहमति मांगना वैध है, भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू हो सकते हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो गया, तो जिस विशेष स्थिति के लिए अनुच्छेद 370 लागू किया गया था, उसका भी अस्तित्व समाप्त हो गया। हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा।
VIDEO | Five-judge Supreme Court bench assembles to pronounce verdict on pleas challenging abrogation of provisions of Article 370 of Constitution. pic.twitter.com/ZYOPWIQznA
— Press Trust of India (@PTI_News) December 11, 2023
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ तीन अलग-अलग, परंतु सर्वसम्मत फैसले सुनाने के लिए सुबह 10 बजकर 56 मिनट पर बैठी। सीजेआई ने कहा कि इस मुद्दे पर तीन फैसले हैं।
सीजेआई ने अपनी न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की ओर से फैसले लिखे हैं, जबकि न्यायूमर्ति कौल एवं न्यायमूर्ति खन्ना ने अलग-अलग फैसले लिखे हैं। न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 दिन तक सुनवाई करने के बाद पांच सितंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।