राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आज रियाद में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। क्राउन प्रिंस ने जम्मू-कश्मीर में भारत के दृष्टिकोण और कार्यों के बारे में समझ व्यक्त की।
सूत्र ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी सऊदी एनएसए के साथ बैठक की, उन्होंने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने बुधवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की पाकिस्तान के साथ जम्मू-कश्मीर के मसले पर चल रही तनातनी के बीच इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। सऊदी अरब दौरे पर पहुंचे अजित डोभाल की क्राउन प्रिंस के साथ ये बैठक करीब 2 घंटे तक चली।
इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मसले पर भी बात हुई और सऊदी प्रिंस ने जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के द्वारा लिए गए फैसले पर बात की। गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार सऊदी अरब के साथ अपने संबंध मजबूत करने में लगा हुआ है, साथ ही उसने कई बार कश्मीर का मसला भी उठाया है।
सऊदी अरब भारत में अपने निवेश को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में इस दौरे का काफी महत्व हैं। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच ऐसी ही कई बैठकें होती रहेंगी, जिनमें बड़े स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। क्राउन प्रिंस से मुलाकात के अलावा अजित डोभाल ने सऊदी अरब के NSA मुसैद अल एबान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की। इन मुलाकातों के अलावा भी अजित डोभाल सऊदी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।
डोभाल ने दिये निर्देश : जम्मू कश्मीर में आतंक रोधी अभियान तेज करें, लोगों के जीवन में सुधार लाएं
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बृहस्पतिवार को यहां सिलसिलेवार उच्चस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की और सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जम्मू कश्मीर में आम लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए कदम उठाएं तथा आतंकवाद रोधी अभियान तेज करें।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि आम लोगों को किसी भी तरह से जानमाल की क्षति नहीं पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को यहां एक दिन के दौरे पर पहुंचे डोभाल ने सुरक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ कई बैठकें कीं। इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आतंकवादी समूहों से भयभीत हुए बगैर आम आदमी अपनी दिनचर्या का ठीक तरीके से पालन कर सके। इसके बाद वह राष्ट्रीय राजधानी लौट गए। केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को प्राप्त विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों -- जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के बाद डोभाल की यह घाटी की दूसरी यात्रा थी।
दोनों केंद्र शासित क्षेत्र 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे और उसी दिन दोनों क्षेत्रों के पहले उपराज्यपाल शपथग्रहण करेंगे। बैठक के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने लोगों के लिए विकास योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों से कहा कि वे इसे लागू करने में तेजी लाएं। इनमें लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना, लोगों के व्यवसाय के लिए कश्मीर घाटी से बाहर सेब की खेप भेजा जाना आदि शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनएसए ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आतंकवाद रोधी अभियान में तेजी लाएं तथा घाटी के कुछ हिस्सों में गतिविधियां चला रहे आतंकवादियों को निशाना बनाएं।
उन्होंने कहा कि बहरहाल, डोभाल ने आगाह किया कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान के दौरान सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आम लोगों को जानमाल का कोई नुकसान न हो। अधिकारियों ने कहा कि यह निर्देश इन खबरों के बाद दिया गया कि आतंकवादी आम लोगों, सेब उत्पादकों को धमका रहे हैं और जबर्दस्ती कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा कर रहे हैं। केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की घोषणा करने के बाद एनएसए ने अपनी पहली यात्रा के दौरान यहां 11 दिनों तक डेरा डाला था।
उस दौरान डोभाल ने सुनिश्चित किया था कि सरकार के निर्णय के बाद वहां हिंसा की कोई घटना नहीं हो। एनएसए राज्य में नियमित आधार पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में नियंत्रण रेखा के पास और अंदरूनी हिस्सों में तैनात सुरक्षाबलों के बीच बेहतर तालमेल हो सके।
वहीं, राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने एनएसए को अवगत कराया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन दुकानदारों की हत्या करने, फल उत्पादकों को डराने-धमकाने इत्यादि कृत्यों को अंजाम देने में शामिल हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इस पर डोभाल ने सभी संबंधित विभागों को ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आम आदमी को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।