जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को केंद्र द्वारा खत्म किए जाने के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार को जम्मू शहर में सेना की छह टुकड़ी को तैनात किया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में एहतियात बरतते हुए सैन्यकर्मियों की तैनाती की गयी है। अधिकारियों ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के वास्ते नागरिक प्रशासन की मदद के लिए जम्मू में सेना के टाइगर डिवीजन की छह टुकड़ी की तैनाती की गयी है।
उन्होंने बताया कि समूचे जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली है । पुलिस की मदद के लिए समूचे जम्मू क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को तैनात किया गया और उपायुक्तों द्वारा जारी निषेधाज्ञा सख्ती से लागू की गयी है।
सभी शैक्षाणिक संस्थानों को भी बंद करने का आदेश दिया गया था। शहर में सड़कें सुनसान हैं और दुकानें तथा कारोबारी प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं । मुख्य सड़कें भी बंद हैं। जरूरतमंद लोगों को समुचित जांच और जामातलाशी के बाद ही आवाजाही की अनुमति दी जा रही है। जम्मू क्षेत्र में तड़के मोबाइल इंटरनेट सेवा रोक दी गयी थी।
केंद्र ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित फैसलों के बाद सुरक्षा के किसी भी उल्लंघन को रोकने के वास्ते राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से बोला है कि वे सुरक्षा बलों को ‘‘अधिकतम सतर्क’’ रहने को कहें। गृह मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक परिपत्र में कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समग्र राष्ट्रीय हित में और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जम्मू-कश्मीर से संबंधित आज कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
यह आवश्यक है कि असामाजिक तत्वों को देश के किसी भी हिस्से में सुरक्षा, शांति और जन सद्भाव के माहौल को खराब करने की अनुमति नहीं दी जाये।’’ इसमें सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा व्यवस्था के किसी भी उल्लंघन को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को ‘‘अधिकतम सतर्क’’ रहने का निर्देश जारी करने को कहा गया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘यह अनुरोध किया जाता है कि देश के सभी हिस्सों में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा सकते हैं और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।’’
सरकार ने राज्य सरकारों को उनके राज्यों में रहने वाले जम्मू कश्मीर के निवासियों और छात्रों का ‘‘विशेष ध्यान’’ रखने के लिए कहा है। इसमें कहा गया है कि हिंसा और सांप्रदायिक तनाव को भड़काने और शांति के माहौल को बाधित करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर प्रचारित झूठे, असत्यापित समाचार, अफवाहें और अनैतिक संदेशों के खिलाफ निगरानी रखने के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों को उचित निर्देश जारी किये जाने चाहिए।