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अनुच्छेद 370ः आजाद ने कहा- प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा, जम्मू-कश्मीर में डेमोक्रेसी नाम की कोई चीज नहीं है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 25, 2019 17:45 IST

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस नेता को चार जिलों श्रीनगर, जम्मू, बारामुला, अनंतनाग में लोगों से मिलने की अनुमति दी थी। अपनी कश्मीर यात्रा के बाद जम्मू पहुंचे कांग्रेस नेता ने कहा कि कश्मीर और कश्मीरियों में जितनी निराशा और संकट मौजूद है, उतनी ही स्थिति जम्मू में भी है।

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ठळक मुद्देसत्ता पक्ष (भाजपा सरकार) के 100-200 लोगों को छोड़कर, कोई भी खुश नहीं है।घाटी में ‘बहुत बुरी’ स्थिति है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे थे।

पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद इस समय जम्मू और कश्मीर के दौरे पर हैं। आजाद का दौरा तब मुमकिन हुआ, जब 16 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राज्य जाने की अनुमति दी थी।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस नेता को चार जिलों श्रीनगर, जम्मू, बारामुला, अनंतनाग में लोगों से मिलने की अनुमति दी थी। अपनी कश्मीर यात्रा के बाद जम्मू पहुंचे कांग्रेस नेता ने कहा कि कश्मीर और कश्मीरियों में जितनी निराशा और संकट मौजूद है, उतनी ही स्थिति जम्मू में भी है।

सत्ता पक्ष के 100-200 लोगों को छोड़कर, कोई भी खुश नहीं है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा। स्टेट में डेमोक्रेसी नाम की कोई चीज नहीं है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद पहुंचे जम्मू, कहा-कश्मीर में ‘बहुत खराब’ स्थिति

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के अपने छह दिवसीय दौरे के दूसरे चरण में मंगलवार को यहां पहुंचे और कहा कि घाटी में ‘बहुत बुरी’ स्थिति है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे थे।

इससे पहले श्रीनगर पहुंचने की उनकी कोशिशें तीन बार नाकाम रही थीं क्योंकि प्रशासन ने उन्हें वापस भेज दिया था। कश्मीर की स्थिति पर उनका क्या आकलन है, संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर आजाद ने कहा, ‘‘बहुत खराब है।’’ उन्होंने यहां अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे अभी मीडिया से कुछ नहीं कहना है।

मैं कश्मीर में चार दिन रहा तथा दो और दिन जम्मू में रहने के लिए यहां पहुंचा हूं। छह दिवसीय दौरे के समापन के बाद जो भी कहना होगा, कहूंगा।’’ जम्मू कश्मीर में हालात के बारे में उनका आकलन रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंपे जाने के संबंध में एक सवाल पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दिल्ली वापसी के बाद इस पर फैसला होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं घाटी में ठहरने के दौरान जिन स्थानों पर जाना चाहता था, उसके 10 प्रतिशत स्थानों पर भी प्रशासन ने मुझे जाने नहीं दिया।’’ राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लिए जाने और राजनीतिक गतिविधियों पर बंदिशों के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कोई निशान नहीं है।’’ 

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