गांदेरबल के कार्यकर्ता की गिरफ्तारी अनुचित, मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन: तारिगामी

By भाषा | Published: June 15, 2021 05:08 PM2021-06-15T17:08:09+5:302021-06-15T17:08:09+5:30

Arrest of Ganderbal activist unfair, open violation of fundamental rights: Tarigami | गांदेरबल के कार्यकर्ता की गिरफ्तारी अनुचित, मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन: तारिगामी

गांदेरबल के कार्यकर्ता की गिरफ्तारी अनुचित, मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन: तारिगामी

श्रीनगर, 15 जून मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के कार्यकर्ता सज्जाद राशिद सोफी की गिरफ्तारी अनुचित और मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन है।

तारिगामी ने एक बयान में कहा, ‘‘मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले के निवासी को केवल यह कहने पर जेल भेज देना अनुचित और मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन है कि उसे स्थानीय अधिकारियों से अधिक अपेक्षाएं हैं।’’

तारिगामी ने 50 वर्षीय सोफी की गिरफ्तारी को लेकर यह टिप्पणी की। सोफी के खिलाफ उप राज्यपाल के सलाहकार बशीर अहमद खान के साथ जन संवाद के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए मामला दर्ज किया गया है।

सोफी उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जो सफापोरा में एक डिग्री कॉलेज की मांग के लिए खान से मिलने गया था। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि उन्हें उन अधिकारियों से कोई उम्मीद नहीं है, जो जम्मू-कश्मीर से बाहर के हैं और केंद्र शासित प्रदेश में तैनात हैं।

तारिगामी ने कहा, ‘‘अगर उपराज्यपाल प्रशासन के जन संपर्क कार्यक्रम के दौरान ऐसी घटनाएं होती हैं, तो इससे लोगों की शिकायतों को हल करने में मदद के बजाय उनमें डर की भावना पैदा हो सकती है। किसी अधिकारी का ऐसा रवैया अत्यधिक सत्तावादी है और यह न केवल लोगों के हितों के लिए हानिकारक है, बल्कि प्रशासन के लिए भी नुकसानदेह है। यह उस संस्था की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाता है, जिसका अधिकारी प्रतिनिधित्व करता है।’’

उन्होंने कहा कि अदालत ने सोफी को अंतरिम जमानत दे दी थी, इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें रिहा नहीं किया, क्योंकि उन पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 107 और 151 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी नागरिक के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के साथ-साथ सत्ता और अधिकार का खुलेआम उल्लंघन है।’’

तारिगामी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सोफी को न केवल तत्काल रिहा किया जाए, बल्कि ‘‘गलती करने वाले अधिकारी’’ के खिलाफ सत्ता और अधिकार के दुरुपयोग को लेकर कानून के तहत कार्रवाई की जाए।

पुलिस ने कहा है कि सोफी को कथित तौर पर ‘‘शांति के लिए खतरा’’ होने के कारण ‘‘एहतियातन हिरासत’’ में रखा गया है।

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Web Title: Arrest of Ganderbal activist unfair, open violation of fundamental rights: Tarigami

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