जम्मू कश्मीर: सेना ने रात को गश्त की तेज, नाकेबंदी शुरू की- असुविधा बढ़ी

By सुरेश डुग्गर | Published: December 1, 2018 10:12 AM2018-12-01T10:12:16+5:302018-12-01T10:13:18+5:30

भीषण सर्दी के बावजूद बीसियों आतंकी एलओसी क्रास कर कश्मीर में घुसने में कामयाब रहे हैं।

Army patrols night, started blockade, discomfort increased | जम्मू कश्मीर: सेना ने रात को गश्त की तेज, नाकेबंदी शुरू की- असुविधा बढ़ी

जम्मू कश्मीर: सेना ने रात को गश्त की तेज, नाकेबंदी शुरू की- असुविधा बढ़ी

भीषण सर्दी के बावजूद बीसियों आतंकी एलओसी क्रास कर कश्मीर में घुसने में कामयाब रहे हैं। नतीजतन कश्मीर की शांति खतरे में पड़ गई है। सेना ने आतंकी हमलों को रोकने की खातिर रात्रि तलाशी अभियान तेज करते हुए रात्रि गश्त के साथ-साथ नाकेबंदी की पुरानी रणनीति भी अपनाई है जिस कारण लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सेनाधिकारियों के बकौल, सेना ने अन्य सुरक्षाबलों के साथ मिलकर अब अर्द्ध रात्रि को अभियान भी शुरू किए हैं जिन्हें कामयाबी मिल रही है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने माना कि पिछले पखवाड़े पाक सेना बीसियों आतंकियों को इस ओर धकेलने में कामयाब हुई है। घुसपैठ करने वाले ताजा आतंकियों के प्रति चौंकाने वाला तथ्य यह है कि वे अति घातक हथियारों से लैस हैं जिन्हें कश्मीर की शांति भंग करने का टास्क दिया गया है। एक सैन्य सूत्र के मुताबिक, एलओसी के कुछ इलाकों में संदिग्ध व्यक्ति देखे गए हैं। हालांकि इस सूत्र ने उन इलाकों की निशानदेही करने से इंकार करते हुए कहा कि इलाकों की पहचान बताए जाने से वहां लोगों में दहशत फैल सकती है।

आतंकियों के ताजा दलों द्वारा घुसपैठ में कामयाब होने के बाद उनके इरादों के बारे मंे मिली जानकारी सुरक्षाधिकारियों को परेशान कर रही है। वे बताते हैं कि उन्हें भयानक तबाही मचाने का टास्क दिया गया है। वैसे वे इससे भी इंकार नहीं करते थे कि घुसपैठ करने वालों में तालिबानी, अल-कायदा या आईएस के सदस्य हो सकते हैं क्योंकि सुने गए वायरलेस संदेश इसके प्रति शंका पैदा करते थे। अधिकारियों के मुताबिक, एलओसी पर बर्फबारी के कारण कई स्थानों पर तारबंदी को नुक्सान होने का लाभ पाक सेना ने उठाया है।

अधिकारियों का कहना था कि स्थिति से निपटने की खातिर सेना को रात्रि गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। सेना ने रात्रि तलाशी अभियान फिर से आरंभ किए हैं। साथ ही नाकेबंदी में सेना की सहायता भी ली जाने लगी है। यह सच था कि सेना द्वारा स्थानीय प्रशान को एलओसी के इलाकों में मदद दिए जाने के कारण आम नागरिकों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। पर एक नागरिक प्रशासनिक अधिकारी का कहना था कि सुरक्षा की खातिर इतनी असुविधा को तो सहन करना होगा।

सुरक्षाबल कहने लगे हैं कि घुसपैठ को पूरी तरह से रोक पाना संभव नहीं हो रहा है। फिर से आतंकी हिंसा के बढ़ने की चेतावनी ने कश्मीरियों को परेशान कर दिया है। यूं तो सेना एलओसी पर चप्पे चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का दावा करती है पर परदे के पीछे वह इसे स्वीकार करती है कि तारबंदी, लाखों सैनिकों की तैनाती और उपकरणों की उपस्थिति के बावजूद उबड़-खाबड़ एलओसी पर इक्का-दुक्का घुसपैठ की वारदातों को रोक पाना संभव नहीं है।

सेना भी मानती है कि पाक सेना ने घुसपैठ की नीतिओं में जबरदस्त बदलाव लाया है। अब वह परंपरागत रास्तों और तरीकों को छोड़ कर नए तरीके अपना रही है। जिसमें वाया नेपाल और जम्मू बार्डर से आतंकियों को बिना हथियारों के धकेलना तथा एलओसी के रास्ते दो से तीन के गुटों में घुसपैठ करवाना भी शामिल है।

सेनाधिकारी आप मानते हैं कि बर्फबारी से पूर्व भी कई आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं। हालांकि वह साथ ही दावा करती है कि घुसपैठ करने में कामयाब हुए आतंकियों की तलाश अभी भी जारी है। जबकि सुरक्षा एजेंसियां यह कहने से नहीं चूक रही कि पिछले कुछ समय से कश्मीर में होने वाली घटनाओं के पीछे ताजा घुसपैठ करने वाले आतंकियों का हाथ था।

ताजा चेतावनियों और आतंकी हमलों के दौर में आम कश्मीरी एक बार फिर बुरे हालात के प्रति सोचने लगा है। उसे लगने लगा है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बनते बिगड़ते हालात का सीधा असर कश्मीर पर पड़ेगा और वह उसकी रोजी-रोटी को छीन लेगा। सेना भी कुछ ऐसा ही चेता रही है।

Web Title: Army patrols night, started blockade, discomfort increased

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