राजौरी-पुंछ में आतंकियों के खात्मे के लिए सेना ने सैकड़ों सैनिक उतारे, लड़ाकू हेलिकाप्टर और ड्रोन भी तैनात
By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 22, 2023 04:06 PM2023-12-22T16:06:49+5:302023-12-22T16:08:34+5:30
आतंकियों की तलाश में अब बहुत बड़ा आपरेशन लांच किया गया है जिसमें सैंकड़ों जवान शामिल हैं जिन्हें खोजी कुत्तों, ड्रोनों व लड़ाकू हेलिकाप्टरों की मदद दी जा रही है जबकि एनआईए की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच कर जांच का काम शुरू कर चुकी है।
जम्मू: राजौरी और पुंछ के जुड़वा जिलों में आतंकियों द्वारा सेना के जवानों पर किए जाने वाले लगातार घातक हमलों से गुस्साई सेना ने अब अपने सैंकड़ों सैनिकों को मैदान में उतारा है जिनकी मदद की खातिर लड़ाकू हेलिकाप्टर भी आसमान पर पहरा दे रहे हैं। हालांकि उनकी चिंता वे पूर्व पाक फौजी भी हैं जो आतंकी बन इस इलाके में एक्टिव हैं।
सेना के बकौल, 7 से 10 पाक परस्त आतंकियों के दो गुटों ने इस कृत्य को अंजाम दिया है जिनको ढेर करने की खातिर डीकेजी इलाके में सैंकड़ों की संख्या में जवानों को उतारा गया है। उनकी मदद को न सिर्फ खोजी कुत्ते, ड्रोन और लड़ाकू हेलिकाप्टर लगाए गए हैं बल्कि एनआईए की टीम भी पहुंची है। एनआईए की टीम हमले वाले इलाके में पहुंची, जहां सुरक्षाकर्मी डेरा की गली के जंगली इलाके में तलाशी अभियान चला रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना ने डेरा की गली से कुछ संदिग्धों को जांच के लिए हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मी जम्मू के राजौरी जिले के डेरा की गली के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे हैं, जहां कल सेना के दो वाहनों पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया था। रक्षा सूत्रों ने इसे माना है कि कल के हमले में वे ही आतंकी गुट शामिल है जो पिछले करीब डेढ़ साल से इस इलाके में एक्टिव है और एक बार अक्तूबर 2021 में वह सेना के सैकड़ों जवानों को 20 से अधिक दिनों तक छका चुका है। तब भी सेना के 9 जवान मारे गए थे।
उन्होंने बताया कि आतंकियों की तलाश में अब बहुत बड़ा आपरेशन लांच किया गया है जिसमें सैंकड़ों जवान शामिल हैं जिन्हें खोजी कुत्तों, ड्रोनों व लड़ाकू हेलिकाप्टरों की मदद दी जा रही है जबकि एनआईए की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच कर जांच का काम शुरू कर चुकी है। हमले के बाद इलाके में हाई अलर्ट जारी करने के साथ ही इस मार्ग को आवाजाही के लिए बंद किया जा चुका है। जबकि स्थानीय लोगों को कथित तौर पर तब तक घरों से बाहर न घूमने के निर्देश जारी किए गए हैं जब तक तलाशी अभियान समाप्त नहीं हो जाता।
हालांकि रक्षाधिकारियों ने इसे माना है कि राजौरी व पुंछ में सेना को आतंकवाद का सफाया करने में अब फिर से कड़ी मेहनत करनी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने अब अपने रिटायर्ड फौजियों को आतंकी बना प्रदेश में भेजना आरंभ किया है। सेना मानती है कि ऐसा होने से आतंकवाद के खिलाफ भारत की जंग एक नए मोड़ पर पहुंच गई है।
सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र दिवेद्धी ने एक पखवाड़ा पूर्व इसे माना था कि प्रदेश में मारे गए कई विदेशी आतंकियों की पृष्ठभूमि की जांच के दौरान यह जानकारी मिली है कि वे पाक सेना में काम कर चुके हैं। उनका कहना था कि इसलिए ऐसे आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान उन्हें कड़ा मुकाबला सहन करने के अतिरिक्त अपने जवानों व अफसरों को खोना पड़ा है।
उनके अनुमान के मुताबिक, राजौरी और पुंछ के साथ लगते इलाकों में अभी भी 20 से 25 आतंकवादी सक्रिय हो सकते हैं। वे कहते थे कि इनमें से कितने पाक सेना के रिटायर्ड फौजी हैं, इसके बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है। उनका कहना था कि प्रदेश में एक्टिव आतंकी संगठनों को जम्मू कश्मीर में स्थानीय आतंकी नही मिल रहे हैं। ऐसे में वह विदेशी आतंकियों को भेजने की कोशिशें कर रहा है। हम प्रदेश में सक्रिय सभी विदेशी आतंकियों को मार गिराएंगे। वे कहते थे कि आईएसआई पहले कई बार अपने फौजियों को भी इस ओर भेज चुकी है और अब उसने इस नए पैंतरे को चला कर कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अहम मोड़ पर ला खड़ा किया है।