नई दिल्ली: देश में अडानी का मुद्दा उठने के बाद से ही विपक्ष लगातार सरकार से अडानी समूह की जाँच की मांग कर रही है। अपनी मांग को लेकर विपक्ष लगातार सदन में हंगामा कर रही है। ऐसे में मंगलवार को एक बार फिर को कथित अडानी घोटाले की संसदीय समिति की जांच की मांग करते हुए विपक्ष ने नारे लगाए।
सदन में हंगामा होते देख सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को शांत करने के लिए कुछ ऐसा कहा जो अब जमकर वायरल हो रहा है। सभापति ने कहा, "कुछ भी मुमकिन हो सकता है, कुछ भी हवा निकल सकती है, संसदीय सदस्य अपनी कुर्सी पर बैठिए और मेरे फैसले का इंतजार करिए।"
सभापति धनखड़ का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान एक पत्रकार के सवाल पर भड़कते हुए कहा था, "क्यों हवा निकल गई।" राहुल गांधी का ये बयान सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ था। दरअसल, प्रेस मीट में पत्रकार ने बीजेपी के आरोप पर उनसे पूछा था कि बीजेपी उनके 2019 की टिप्पणी के कारण ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगा रही है। जिसके लिए उन्हें सूरत की एक कोर्ट ने दोषी ठहराया है और लोकसभा से निलंबित कर दिया है।
इस सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, "आप सीधे बीजेपी के लिए क्यों काम कर रहे हैं? आप कुछ विवेक का प्रयोग कर सकते हैं देखिए आप मुस्कुरा रहे हैं... अगर आप बीजेपी के लिए काम करते हैं तो शर्ट पर बैच लगा लें फिर मैं भी आपको उसी तरह का जवाब दूंगा। पत्रकार को देखते हुए राहुल गांधी ने कहा, "क्यों हवा निकल गई ना?"
कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद उनकी काफी आलोचना भी हुई। कई पत्रकारों ने राहुल गांधी के बयान को लेकर उनसे माफी की मांग की है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के हवाले से, मुंबई प्रेस क्लब ने कांग्रेस नेता से 'सार्वजनिक अपमान' के लिए खेद व्यक्त करने को कहा है।
क्लब की ओर से कहा गया है कि एक पत्रकार का काम है सवाल पूछना और यह राजनीतिक नेताओं का कर्तव्य है जो प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाते हैं और पत्रकारों के साथ जुड़कर गरिमा और मर्यादा के साथ इन सवालों का जवाब देते हैं।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल के नेता के रूप में राहुल गांधी चौथे स्तंभ की गरिमा का सम्मान करने में विफल रहे हैं।