वैवाहिक संबंध बरकरार रहने के दौरान पति अपनी पत्नी के साथ किसी भी यौन कृत्य को बलात्कार नहीं माना जा सकता, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अप्राकृतिक यौन कृत्य को लेकर...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 6, 2024 22:06 IST2024-06-06T22:05:55+5:302024-06-06T22:06:51+5:30

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रेमनारायण सिंह ने 40 वर्षीय व्यक्ति की याचिका 28 मई को आंशिक तौर पर मंजूर की जिसमें उसने अपनी पत्नी की पिछले साल दर्ज कराई प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार की थी।

Any sexual act committed husband his wife during marital relationship cannot considered rape Madhya Pradesh High Court said regarding unnatural sexual act | वैवाहिक संबंध बरकरार रहने के दौरान पति अपनी पत्नी के साथ किसी भी यौन कृत्य को बलात्कार नहीं माना जा सकता, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अप्राकृतिक यौन कृत्य को लेकर...

सांकेतिक फोटो

Highlightsधारा 498-ए (किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता) के इल्जाम को बरकरार रखा।वर्ष 2022 में अप्राकृतिक यौन कृत्य किया।संक्रमण हो गया और उसे इलाज कराना पड़ा। 

इंदौरः मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने 40 साल के व्यक्ति को अप्राकृतिक यौन कृत्य को लेकर उसकी 31 वर्षीय पत्नी के आरोप से बरी कर दिया है। मौजूदा कानूनी प्रावधानों और न्याय दृष्टांतों के हवाले से अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि वैवाहिक संबंध बरकरार रहने के दौरान पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ किसी भी यौन कृत्य को बलात्कार नहीं माना जा सकता और ऐसे में सहमति का कोई महत्व नहीं रह जाता, बशर्ते पत्नी 15 साल से कम उम्र की ना हो। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रेमनारायण सिंह ने 40 वर्षीय व्यक्ति की याचिका 28 मई को आंशिक तौर पर मंजूर की जिसमें उसने अपनी पत्नी की पिछले साल दर्ज कराई प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार की थी।

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर के बाद इस प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 377 (अप्राकृतिक कृत्य) के साथ ही धारा 294 (गाली-गलौज) और धारा 506 (धमकी देना) के आरोपों को भी रद्द कर दिया, लेकिन धारा 498-ए (किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता) के इल्जाम को बरकरार रखा।

एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि उसके इस आदेश में उसका कोई भी नजरिया या टिप्पणी गुण-दोष के आधार पर कानूनी प्रावधानों के मुताबिक फैसला करने में उस निचली अदालत के लिए किसी भी रूप में बंधनकारी नहीं होगी जो इस मामले की सुनवाई कर रही है।

महिला ने पति के खिलाफ मंदसौर जिले में 2023 के दौरान प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसके पति और ससुराल पक्ष के लोगों ने 20 लाख रुपये के दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। महिला ने यह आरोप भी लगाया था कि उसके पति ने उसके साथ वर्ष 2022 में अप्राकृतिक यौन कृत्य किया जिस कारण उसे संक्रमण हो गया और उसे अपना इलाज कराना पड़ा। 

Web Title: Any sexual act committed husband his wife during marital relationship cannot considered rape Madhya Pradesh High Court said regarding unnatural sexual act

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे