एंटीलिया केस: मीठी नदी से निकले कई अहम सबूत, नंबर प्लेट, डीवीआर, सीपीयू बरामद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 28, 2021 06:44 PM2021-03-28T18:44:36+5:302021-03-28T18:45:52+5:30

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारी मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे को ठाणे स्थित रेती बुंदर क्रीक लेकर पहुंचे जहां कारोबारी मनसुख हिरन का शव मिला था।

Antilia case mithi river sachin vaze important evidences number plate DVR CPU recovered mumbai | एंटीलिया केस: मीठी नदी से निकले कई अहम सबूत, नंबर प्लेट, डीवीआर, सीपीयू बरामद

बताया जा रहा है कि वाझे ने सबूतों को नष्ट करने के लिए इन्हें मीठी नदी में फेंक दिया था।

Highlightsएनआईए को अदालत से आज वाझे की हिरासत तीन अप्रैल तक के लिए और मिल गई।एसयूवी मिलने और हिरन हत्याकांड, दोनों मामलों की जांच अब एनआईए कर रही है।सात-आठ अधिकारी वाझे को उस जगह लेकर पहुंचे जहां हिरन का शव मिला था। 

मुंबईः उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास मिली विस्फोटक वाली कार और इसके मालिक मनसुख हिरेन की हत्या को लेकर गिरफ्तार एपीआई सचिन वाझे के कई राज मीठी नदी से बाहर आ गए हैं।

एनआईए ने गोताखोरों की मदद से रविवार को मीठी नदी से दो नंबर प्लेट, कंप्यूटर सीपीयू, हार्ड डिस्क और डीवीआर बरामद किए हैं। वाझे ने सबूतों को मिटाने के लिए इन्हें मीठी नदी में फेंक दिया था. जांच एजेंसी वाझे को भी मौके पर ले गई थी. माना जा रहा है कि ये नंबर प्लेट एंटीलिया केस में इस्तेमाल हुई स्कॉर्पियो और इनोवा का है।

वारदात को अंजाम देने से पहले दोनों गाडि़यों के नंबर प्लेट को बदल दिया गया था। डीवीआर साकेत कॉम्पलेक्स ठाणे का हो सकता है, जहां सचिन वाझे का घर है. वाझे ने विस्फोटक वाली कार की बरामदगी के बाद अपनी सोसायटी के सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करने के लिए अपने सहयोगियों को भेजकर डीवीआर हासिल कर लिया था।

बताया जा रहा है कि वाझे ने सबूतों को नष्ट करने के लिए इन्हें मीठी नदी में फेंक दिया था। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक गाड़ी में जिलेटिन की छड़ें मिलने के मामले में गिरफ्तार किये गये निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की एनआईए हिरासत बृहस्पतिवार को यहां की एक विशेष अदालत ने तीन अप्रैल तक बढ़ा दी थी।

वाजे ने विशेष एनआईए अदालत से कहा कि उनका अपराध से कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। मुंबई में सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे (49) को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 13 मार्च को गिरफ्तार किया था। वाझे की पिछली रिमांड का समय निकलने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया था। एनआईए ने वाजे के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के सख्त प्रावधानों को लागू किया था। एजेंसी ने उनकी 15 और दिन की हिरासत की मांग की।

वाजे ने सुनवाई के दौरान न्यायाधीश पी आर सितरे से कहा, ‘‘मुझे बलि का बकरा बनाया गया है और मेरा इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं डेढ़ दिन तक मामले का जांच अधिकारी रहा और अपनी क्षमता के हिसाब से जो कर सकता था, मैंने किया। लेकिन अचानक से योजना में कहीं कोई बदलाव हो गया। मैं खुद ही एनआईए दफ्तर गया था और मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।’’

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