कांग्रेस में फिर हो सकता है बड़ा बदलाव, बिहार चुनाव के बाद हो सकता है महाअधिवेशन

By स्वाति सिंह | Updated: October 21, 2020 11:36 IST2020-10-21T11:36:21+5:302020-10-21T11:36:21+5:30

सितंबर में पार्टी अध्यक्ष ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी में बड़े स्तर पर फेरबदल किए थे, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से हटाया गया था।

another reshuffle in Congress on the cards, After Bihar Assembly Election 2020 | कांग्रेस में फिर हो सकता है बड़ा बदलाव, बिहार चुनाव के बाद हो सकता है महाअधिवेशन

अगले वर्ष फरवरी-मार्च तक पार्टी के महाअधिवेशन की संभावना नहीं है।

Highlightsबिहार चुनाव के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी संगठनात्मक बदलाव कर सकती हैं। सोनिया ने इसके लिए पांच सदस्यीय टीम भी गठित की है

नई दिल्ली:  कांग्रेस में एक बार फिर बड़े फेरबदल हो सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार चुनाव के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी संगठनात्मक बदलाव कर सकती हैं। सोनिया ने इसके लिए पांच सदस्यीय टीम भी गठित की है, जो उनकी रोज के काम और पार्टी की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी को फिर से गठित करने में मदद करेगी।

बता दें कि सितंबर में पार्टी अध्यक्ष ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी में बड़े स्तर पर फेरबदल किए थे, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से हटाया गया था। हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में पार्टी के एक पदाधिकारी के हवाले से बताया कि फिलहाल दो राज्यों में प्रभारियों के पद खाली हैं। 

फरवरी-मार्च तक महाअधिवेशन की संभावना 

सूत्रों के अनुसार अगले वर्ष फरवरी-मार्च तक पार्टी के महाअधिवेशन की संभावना नहीं है। सूत्रों का यह भी दावा है कि इस महाअधिवेशन के दौरान राहुल गांधी को अध्यक्ष पद सौंपने की तैयारी होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार सोनिया जल्द ही चार अथवा पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करेंगी जो रोजमर्रा के कायार्ें के अलावा संगठन में बदलाव, सदस्यता अभियान और महाअधिवेशन को लेकर अपनी राय नेतृत्व को देगी।

पार्टी के 23 नेताओं द्वारा नेतृत्व के मुद्दे पर जो पत्र सोनिया को लिखा गया, उससे वे काफी आहत नजर आईं, जिसका उल्लेख उन्होंने स्वयं बैठक समाप्त होते वक्त किया। सोनिया ने कहा कि वे पत्र से आहत हैं और इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। लेकिन कांग्रेस एक परिवार है और वे परिवार की एकजुटता को रखने के लिए बिना किसी दुर्भावना के काम करना चाहती हैं। यही कांग्रेस की ताकत है और यही उसकी मूल भावना।


पार्टी को कमजोर करने की अनुमति किसी को भी नहीं बैठक के अंत में पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया है कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति न तो किसी को दी जा सकती है और ना ही दी जाएगी। प्रस्ताव में चार प्रमुख बिंदुओं की चर्चा की गयी है। जिसमें पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार-विमर्श मीडिया के माध्यम से अथवा सार्वजनिक तौर पर करने को प्रतिबंधित किया गया है। पार्टी नेताओं को हिदायत दी गयी है कि वे पार्टी मंच पर ही अपनी बात कहें।

पार्टी संगठन में फेरबदल का अधिकार सोनिया को सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी को यह अधिकार भी सौंप दिया कि वे पार्टी संगठन में जिस प्रकार के बदलाव चाहती हैं, उन पर फैसला लें ताकि उनपर अमल हो सके। पार्टी में जल्द कुछ उपाध्यक्षों की नियुक्ति के अलावा महा सचिव स्तर पर फेरबदल संभव है।

Web Title: another reshuffle in Congress on the cards, After Bihar Assembly Election 2020

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