रबी फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने की घोषणा एक धोखा, किसानों को पूरी कीमत मिले: कांग्रेस

By भाषा | Updated: September 9, 2021 17:08 IST2021-09-09T17:08:04+5:302021-09-09T17:08:04+5:30

Announcement to increase MSP for Rabi crops a hoax, farmers should get full price: Congress | रबी फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने की घोषणा एक धोखा, किसानों को पूरी कीमत मिले: कांग्रेस

रबी फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने की घोषणा एक धोखा, किसानों को पूरी कीमत मिले: कांग्रेस

नयी दिल्ली, नौ सितंबर कांग्रेस ने चालू फसल वर्ष के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को केंद्र सरकार का ‘एक और धोखा’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों को उनकी मेहनत की पूरी कीमत मिलनी चाहिए।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के साथ षड़यंत्र बंद नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां उसे माफ नहीं करेंगी।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मोदी सरकार की अब तक की जितनी तथाकथित किसान हितैषी योजनाएं हैं, वह बुनियादी रूप से उनके मुट्ठी भर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने तक सीमित रखी गई हैं। चाहे वह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो, चाहे 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर खेती की अतिरिक्त लागत बढ़ाई गई हो, जमीन संबंधी अध्यादेश हो या 2015 में उच्चतम न्यायालय में दिया गया शपथपत्र हो।’’

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार आज भी अपनी उसी नीति पर काम कर रही है। हाल ही में 2022-23 के लिए रबी फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा भी धोखे की इसी कड़ी का एक हिस्सा है। लागत व मूल्य आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, लागत के ऊपर 50 प्रतिशत दिया जाता, तो किसानों को कहीं ज्यादा समर्थन मूल्य मिलता।’’

कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘ बीते सात साल में मोदी सरकार ने अतिरिक्त 25,000 रुपये हेक्टेयर खेती की लागत बढ़ा दी है। एक हेक्टेयर में गेहूं का उत्पादन 3,421 किलोग्राम होता है। गेहूं की लागत प्रति क्विंटल 730.78 रुपये अतिरिक्त बढ़ गई है। अगर इस लागत को भी जोड़ दिया जाए, तो वास्तविकता में गेहूं का समर्थन मूल्य 2745.78 रुपये होना चाहिए।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस सरकार ने 2006-07 से 2013-14 के बीच समर्थन मूल्य में 205 प्रतिशत तक की वृद्धि की थी। वहीं, मोदी सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में मात्र 48 प्रतिशत और गेहूं समर्थन मूल्य में मात्र 43 प्रतिशत की वृद्धि की। इससे स्पष्ट होता है कि किसानों के प्रति कांग्रेस सरकार बेहद संवेदनशील थी, जबकि किसानों का हक मारकर पूंजीपतियों को सौंप देने के लिए मोदी सरकार तत्पर है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘किसान को ‘मोदी-नाथन’ नहीं, मेहनत की कीमत चाहिए। अगर मोदी सरकार ने अन्नदाता के साथ षंडयंत्र बंद नहीं किया तो आने वाली पीढि़यां भाजपा को माफ नहीं करेंगी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने चालू फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं का एमएसपी 40 रुपये बढ़ाकर 2,015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। इसके अलावा सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

एमएसपी वह दर है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है। मौजूदा समय में सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है।

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